बिहार की नीतीश सरकार में नया फरमान जारी किया है। फरमान के मुताबिक, अगर प्रदेश में कोई प्रदर्शन करता है तो पुलिस उसका आचरण प्रमाण पत्र खराब कर सकती है। प्रदेश के डीजीपी एसके सिंघल की ओर से जारी किए गए इस फरमान के अनुसार, सरकारी ठेका, सरकारी नौकरी, हथियार का लाइसेंस और पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन प्रतिवेदन लेना जरूरी है।
Published: 03 Feb 2021, 8:34 AM IST
डीजीपी एसके सिंघल ने इस पत्र में कहा है कि अगर कोई प्रदेश में प्रदर्शन के दौरान अपराधिक घटना को अंजाम देता है और ऐसा करने के लिए अगर पुलिस द्वारा उसे चार्जशीट किया जाता है तो इसके बारे में संबंधित व्यक्ति के चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में इस बात का जिक्र होना चाहिए।
Published: 03 Feb 2021, 8:34 AM IST
बिहार पुलिस के नए फरमान के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी विधि व्यवस्था की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम जैसे मामले में संलिप्त होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसे इस काम के लिए पुलिस द्वारा आरोप पत्र जारी किया जाता है तो उनके संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट और स्पष्ट रूप से प्रविष्टि की जाए। ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा। साफ अगर को शख्स इस नए आदेश के मुताबिक, दोषी पाया गया तो उसे सरकारी नौकरी तक नहीं मिल पाएगी!
Published: 03 Feb 2021, 8:34 AM IST
नीतीश सरकार में इस फरमान पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम अपने फैसलों के जरिए मुसोलिनी और हिटलर को भी चुनौती दे रहे हैं।
Published: 03 Feb 2021, 8:34 AM IST
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कह, “मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते हैं कि अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध प्रकट भी नहीं करने देंगे। बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डरे हैं।”
Published: 03 Feb 2021, 8:34 AM IST
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Published: 03 Feb 2021, 8:34 AM IST