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महाराष्ट्र: आंबेडकरवादी सोमनाथ की हिरासत में मौत, पोस्टमार्टम में मिले शरीर पर कई जख्म के निशान, परभणी में तनाव

बीते 10 दिसंबर को महाराष्ट्र के परभणी में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा के पास रखे संविधान की प्रतिकृति के साथ छेड़छाड़ करने के बाद हिंसा भड़की।

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर फोटो: सोशल मीडिया

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी नीत महायुति सरकार के गठन के बाद राज्य विधानमंडल का पहला शीतकालीन अधिवेशन सोमवार को नागपुर में शुरू हुआ। अधिवेशन के पहले ही दिन विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे और विधानसभा में कांग्रेस के नेता नाना पटोले ने दो गंभीर मुद्दों को उठाया। पहला मुद्दा परभणी में संविधान के अपमान के बाद भड़की हिंसा के बाद गिरफ्तार आंबेडकरवादी 35 वर्षीय सोमनाथ सूर्यवंशी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। उसके पोरस्टमार्टम रिपोर्ट से उसकी मौत का कारण स्पष्ट हुआ है। इस रिपोर्ट में सोमनाथ के शरीर पर कई जख्म के निशान मिले हैं। विपक्ष ने सोमनाथ की हत्या के दोषी पुलिस को निलंबित कर गिरफ्तार करने की भी मांग की। दूसरा मुद्दा बीड में मस्साजोग के एक दलित तरूण सरपंच संतोष देशमुख की हत्या का मामला है। उसके हत्यारे राजनीतिक दल के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं और वे फरार हैं। इन दोनों मुद्दों पर फडणवीस ने कहा है कि सरकार इस पर चर्चा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि फरार कथित आरोपियों को एआई की मदद से खोजा जाएगा और इस मामले की एसआईटी से जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि संविधान का अपमान सहन नहीं किया जाएगा।

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इन दोनों मुद्दों को लेकर विधानमंडल में विपक्ष आक्रामक रहा है। लेकिन सोमनाथ के मामले को लेकर आंबेडकरवादियों का आंदोलन धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैल रहा है। सोमनाथ की हत्या के मामले को लेकर आज महाराष्ट्र बंद का भी आह्वान किया गया जिसके बाद आंबेडकरवादियों का आंदोलन संभाजीनगर, धाराशिव, बीड, जलगांव, हिंगोली, नाशिक, नांदेड़, बुलढ़ाणा, सोलापुर, धुले होते हुए मुंबई के घाटकोपर और चेंबूर तक पहुंच गया। वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने सोमनाथ के पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर भी डाला है। उन्होंने भी सोमनाथ की हत्या के दोषी पुलिसवालों को गिरफ्तार करने की मांग की है।

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बीते 10 दिसंबर को महाराष्ट्र के परभणी में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा के पास रखे संविधान की प्रतिकृति के साथ छेड़छाड़ करने के बाद हिंसा भड़की। इस हिंसा में कथित रूप से शामिल आंबेडकरवादियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। ये सब पुलिस हिरासत थे। हालांकि, पुलिस ने संविधान की प्रतिकृति के साथ छेड़छाड़ करने वाले सोपन दत्ताराव पवार (45) को भी गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने बताया कि सोपन मानसिक रोगी है।

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प्रकाश आंबेडकर ने कहा है कि परभणी में जातिवादी मराठा उपद्रवियों की ओर से बाबासाहेब की प्रतिमा के पास भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ाना बहुत ही शर्मनाक है। यह पहली बार नहीं है जब बाबासाहेब की प्रतिमा या दलित पहचान के प्रतीक पर इस तरह की तोड़फोड़ की गई। इधर आल इंडिया पैंथर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक केदार का कहना है कि ईवीएम मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए परभणी में संविधान के साथ तोड़फोड़ की गई। उन्होंने कहा कि इससे पहले पनवेल में बौद्ध मंदिर में तोड़फोड़ करके भगवान बुद्ध और बाबा साहेब आंबेडकर की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया था। पिछले साल नांदेड़ में आंबेडकर जयंति मनाने वाले दलित युवक अक्षय भालेराव की हत्या में भी मराठा समाज का हाथ था। लेकिन यह कहा गया कि इन घटनाओं में शामिल मराठा समाज के लोग मानसिक रोगी थे। उन्होंने कहा कि मानसिक रोगी को आगे करके दलित और मराठा समाज के लोगों में नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है।

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