
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने अपने अब तक के सबसे बड़े परिचालन संकट के कारण सैकड़ों उड़ानों को रद्द कर दिया। आज 500 से अधिक उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। जिससे हजारों यात्रियों को काफी दिक्कतें हुई हैं। इस बीच इंडिगो के एक कर्मचारी का खुला पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जो इंडिगो की व्यवस्था का काला चिठ्ठा खोल दिया है।
कर्मचारी ने पत्र लिखकर कंपनी के अंदर सालों से चल रही समस्याओं, कर्मचारियों के बढ़ते संकट और मैनेजमेंट की अनदेखी का खुलासा किया है।
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इस पत्र में एयरलाइन के शीर्ष प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पत्र में दावा किया गया है कि ये संकट अभी का नहीं है। ये संकट सालों से बन रहा था और कर्मचारियों ने इसकी चेतावनी पहले ही महसूस कर ली थी। पत्र लिखने वाले कर्मचारी ने बताया कि 2006 में जब इंडिगो की शुरूवात हुई थी उस समय टीम को अपने काम पर गर्व था। लेकिन धीरे-धीरे यह गर्व अहंकार में बदल गया और विकास लालच में तब्दील हो गया।
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इस पत्र में कर्मचारी ने बताया है कि कैसे भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो धीरे-धीरे अंदर से खोखली हो गई। यह सब रातों-रात नहीं हुआ। इसके बजाय यह सालों की चेतावनियों को नजरअंदाज करने, काम करने की खराब परिस्थितियों और डर के माहौल का नतीजा है।
पत्र लिखने वाले कर्मचारी ने बताया कि 2006 में जब इंडिगो शुरू हुई थी, तब टीम को अपने काम पर गर्व था। लेकिन, धीरे-धीरे यह गर्व अहंकार में बदल गया और विकास लालच में। पत्र में यह भी बताया गया है कि एयरलाइन की बदहाली की जड़ वहीं से शुरू हुई, जब प्रबंधन ने अनुभव और योग्यता की अनदेखी की। योग्यता की जगह ऐसे लोगों को बड़े पद सौंप दिए गए जिनके पास न योग्यता थी और न ही संचालन की समझ।
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पत्र में यह भी दावा किया गया है कि पायलटों और कर्मचारियों की थकान, सुरक्षा और ड्यूटी नियमों को लगातार नज़रअंदाज़ किया गया। इतना ही नहीं जब कई पायलटों इस आपत्ति जाहिर की तो उन्हें दफ्तर में बुलाकर डांटा और डराया भी गया। हालांकि नवजीवन इस इस लेटर की पुष्टि नहीं करता है।
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बता दें कि आज भी इंडिगो की 650 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल हुई हैं। इनमें दिल्ली, चेन्नई, जयपुर, हैदराबाद, भोपाल, मुंबई, त्रिची से जाने वाली फ्लाइट्स शामिल हैं। इससे पहले एयरलाइन ने शुक्रवार को लगभग 1600 फ्लाइट और शनिवार को लगभग 800 फ्लाइट कैंसिल की थीं।
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