
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 108वीं जयंती पर कहा कि इंदिरा ने गरीबी, अभाव और असमानता को दूर करने के लिए समर्पित अपनी नीतियों से देश का कायाकल्प किया तथा उनकी उपलब्धियों को दुनिया भर में याद किया जाता है।
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सोनिया गांधी ने चिली की पूर्व राष्ट्रपति मिशेल बैचलेट को बुधवार को वर्ष 2024 का ‘इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार’ प्रदान किए जाने पर मौके पर यह टिप्पणी की सोनिया गांधी ने ‘इंदिरा गांधी स्मारक न्यास’ की प्रमुख के तौर पर यह पुरस्कार प्रदान किया।
सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘यह पुरस्कार सामाजिक विकास, शांति, स्थिरता और कई अन्य उद्देश्यों के लिए काम करने वाली महिलाओं, पुरुषों और संस्थाओं को सम्मानित करके इंदिरा गांधी के अभूतपूर्व योगदान का स्मरण कराता है। यह हमें याद दिलाता है कि संघर्ष के समय में भी, ऐसे लोग होते हैं जो प्रगति, न्याय और मानव जाति के कल्याण के लिए लड़ते हैं।’’
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उनका कहना था कि भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने गरीबी, अभाव और असमानता को दूर करने के लिए समर्पित अपनी नीतियों से देश का कायाकल्प किया।
सोनिया गांधी के अनुसार, इंदिरा गांधी ने एक बार कहा था, ‘‘हम शांति चाहते हैं क्योंकि गरीबी, बीमारी और अज्ञानता के खिलाफ एक और युद्ध लड़ना बाकी है।’’
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कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘उनके (इंदिरा) कार्यों में यह विश्वास परिलक्षित होता है कि सभी को उत्पीड़न, पूर्वाग्रह, गरीबी और हिंसा के बिना जीने का अधिकार है।’’
सोनिया गांधी ने कहा कि इंदिरा गांधी की उपलब्धियों की व्यापकता और गहराई को भारत और दुनिया भर में याद किया जाता है और उनकी प्रशंसा की जाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक दयालु हृदय, अपने लोगों के प्रति गहन प्रेम, मानवाधिकारों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता और अहिंसा में अटूट विश्वास रखने वाली नेता के रूप में उनकी विरासत अनगिनत लोगों को प्रेरित करती रही है।’’
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