पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने आज हरियाणा के रोहतक में दिवंगत आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार के परिजनों से मुलाकात की और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। इस दौरान उन्होंने पूरन कुमार की मौत को सुसाइड नहीं, बल्कि शहादत कहा। चन्नी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पूरन कुमार की आत्महत्या दरअसल एक संगठित और मनुवादी सोच की परिणति है, जिसके पीछे बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा जिम्मेदार है।
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चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पूरन कुमार पर सरकार की ओर से किसानों पर गोली चलाने का दबाव बनाया गया था, जिससे उन्होंने साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पूरन कुमार एक संवेदनशील और संविधाननिष्ठ अधिकारी थे, जिन्होंने दलितों और कमजोर वर्गों के हक में आवाज उठाई। उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पांच दिन बीत जाने के बाद भी पूरन कुमार के परिवार को अब तक शव देखने नहीं दिया गया है।
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चन्नी ने कहा कि परिजनों के अनुसार, पार्थिव शरीर का बार-बार निरादर किया जा रहा है और उन्हें लगातार दबाव में रखा जा रहा है। हरियाणा के अधिकारी और मंत्री परिवार पर तरह-तरह से दबाव बना रहे हैं ताकि सच्चाई सामने न आ सके। परिवार की मांग है कि जिन लोगों ने पूरन कुमार को आत्महत्या के लिए मजबूर किया, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
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चन्नी ने रोहतक के एसपी के तबादले को सिर्फ एक दिखावा बताया और कहा कि तबादले होते रहते हैं, लेकिन यह सजा नहीं है। सजा तब मानी जाएगी जब असल दोषियों को जेल भेजा जाएगा। चरणजीत चन्नी ने कहा कि पूरन कुमार ने केवल अपनी ड्यूटी नहीं निभाई, बल्कि गरीबों, दलितों और संविधान की आत्मा के लिए संघर्ष करते हुए बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ एक परिवार की नहीं है, बल्कि पूरे देश के उन लोगों की है जो बाबा साहेब आंबेडकर की सोच को आगे बढ़ा रहे हैं। जब तक परिवार को इंसाफ नहीं मिलता, हम सब उनके साथ खड़े रहेंगे।
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