दिल्ली हिंसा के एक मामले में दिल्ली की जेल में बंद पूर्व पार्षद इशरत जहां ने अपने साथ मारपीट और दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं। इशरत जहां ने मंगलवार को दिल्ली की कड़कडड़ूमा अदालत में सुनवाई के दौरान जज के समक्ष जेल के अंदर दूसरे कैदियों द्वारा मारपीट और शारीरिक उत्पीड़न करने के आरोप लगाए। इशरत ने अदालत को बताया कि एक महीने के भीतर उनके साथ मारपीट की दूसरी घटना घटी है और वह लगातार उत्पीड़न के कारण काफी तनाव में हैं।
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इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने जेल प्रशासन को इशरत जहां की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया। साथ ही कोर्ट ने जेल अधिकारियों से इस मामले में 23 दिसंबर को विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। कोर्ट ने जेल प्रशासन से पूछा है कि इस मुद्दे के हल के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और क्या इशरत जहां की सुरक्षा देखते हुए उन्हें किसी दूसरी जेल में स्थानांतरित करने की जरूरत है।
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खास बात ये है कि सुनवाई के दौरान जब जज ने अदालत में मौजूद मंडोली जेल की सहायक अधीक्षक से पूछा कि क्या इशरत के साथ ऐसी कोई घटना हुई है तो उन्होंने भी इसकी पुष्टि की और कोर्ट को बताया कि इसके लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं। इस पर कोर्ट ने उनसे कहा कि इशरत पूरी तरह से डरी हुई हैं। इस दिशा में तत्काल सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
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बता दें कि कांग्रेस की पूर्व पार्षद रहीं इशरत जहां को इस साल फरवरी में दिल्ली में हुए दंगों के एक मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। खास बात ये है कि इशरत जहां केंद्र सरकार के संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली में विभिन्न जगहों पर हो रहे प्रदर्शनों में शामिल थीं। दिल्ली के जाफराबाद में इसी प्रदर्शन के खिलाफ दंगे शुरू हुए थे, जिसमें इशरत जहां को आरोपी बना दिया गया है।
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