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माल्या का धमाका, भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री से मिला था, जेटली बोले: चलते-चलते हुई थी बात

शराब कारोबारी विजय माल्या ने दावा किया है कि भारत छोड़ने से पहले उसने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी और अपनी देनदारियों का निपटारा करने की बात कही थी। लेकिन वित्त मंत्री ने माल्या के इस दावे को झुठलाया, लेकिन माना कि चलते-चलते मुलाकात हुई थी।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया 

“मैंने 2014 के बाद विजय माल्या को कभी मिलने का समय नहीं दिया, हां चलते-चलते मुलाकात हुई थी, जिसमें माल्या ने सैटलमेंट की पेशकश की थी।” यह कहना है वित्त मंत्री अरुण जेटली का विजय माल्या के उस दावे पर जिसमें उसने कहा है कि भारत छोड़ने से पहले उसने वित्त मंत्री से मुलाकात की थी और अपनी देनदारियों के बारे में सैटलमेंट की पेशकश की थी।

किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक रहे और शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को लंदन में सनसनीखेज़ दावा किया। प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के दौरान माल्या ने धमाका करते हुए कहा कि 2016 में भारत छोड़ने से पहले उसने वित्त मंत्री से मुलाकात की थी। विजय माल्या ने दावा किया कि, “भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री से मुलाकात थी और मामला सुलझाने का प्रस्ताव रखा था। बैंकों ने मामला निपटाने के मेरे पत्र पर आपत्ति दर्ज करा दी।“

Published: 12 Sep 2018, 7:40 PM IST

अदालत में सुनवाई के लिए जाने से पहले माल्या ने कहा कि, “अभियोजन पक्ष ने मुझपर जो आरोप लगाए हैं, मैं उनसे सहमत नहीं हूं। इस मामले में अदालत को फैसला करने दीजिए।”

Published: 12 Sep 2018, 7:40 PM IST

माल्या के इस दावे को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खारिज किया है। एक बयान में अरुण जेटली ने कहा कि वे माल्या से कभी नहीं मिले। उन्होंने कहा कि, “यह बयान तथ्यात्मक रूप से झूठा है और सत्य से परे है। 2014 के बाद से मैंने कभी उन्हें मिलने का वक्त नहीं दिया, ऐसे में उनकी मुझसे मुलाकात का सवाल ही पैदा नहीं होता।”

Published: 12 Sep 2018, 7:40 PM IST

जेटली ने एक लिखित बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने लिखा है कि, “मुझे बताया गया है कि माल्या ने एक बयान में मुझसे मुलाकात की बात की है। मैंने उन्हें कभी भी मिलने का समय नहीं दिया। हां, चूंकि वे राज्यसभा के सदस्य थे, और कभी कभी सदन आते थे, तो उन्होंने इस विशेषाधिकार का फायदा उठाया और एक बार जब मैं अपने कमरे की तरफ जा रहा था तो उनसे मेरी मुलाकात हुई।”

Published: 12 Sep 2018, 7:40 PM IST

अरुण जेटली ने आगे कहा कि, “वे तेज़ी से मेरी तरफ आए और उन्होंने कहा कि वे सैटलमेंट का प्रस्ताव लेकर आए हैं।” वित्त मंत्री ने अपने बयान में आगे लिखा है कि, “मैं उनके पूर्व में की गई पेशकश से वाकिफ था, इसलिए मैंने उन्हें सौम्यता से समझाया कि मुझसे बात करने से कोई फायदा नहीं, उन्हें जो भी पेशकश देनी है, वह बैंकों को दें। उन्होंने कुछ कागज हाथ में पकड़े हुए थे, लेकिन मैंने उनसे वे कागज नहीं लिए।”

जेटली ने सफाई दी है कि, “सिवाय इस एक मुलाकात और बातचीत के, जो माल्या ने संसद सदस्य के विशेषाधिकार का दुरुपयोग करते हुए की, मैंने कभी विजय माल्या को मिलने का समय नहीं दिया।”

Published: 12 Sep 2018, 7:40 PM IST

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Published: 12 Sep 2018, 7:40 PM IST