असम पुलिस ने आज (बुधवार 26 मार्च 2025 को) दोपहर में गुवाहाटी में एक वरिष्ठ डिजिटल मीडिया 'द क्रॉसकरंट' के पत्रकार दिलवर हुसैन मोजुमदार को हिरासत में ले लिया, क्योंकि उन्होंने करोड़ों रुपये के भर्ती घोटाले के आरोपों से संबंधित वहां के सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक से सवाल पूछने की कोशिश की थी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इस बैंक के निदेशक हैं, जबकि इसके अध्यक्ष बीजेपी विधायक बिस्वजीत फुकन हैं।
25 मार्च की दोपहर को, डिजिटल मीडिया संगठन द क्रॉसकरंट के मुख्य संवाददाता मोजुमदार कथित घोटाले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को कवर करने के लिए शहर के पान बाजार इलाके में स्थित असम को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक के परिसर में पहुंचे थे। यह विरोध प्रदर्शन असम जातीय परिषद (एजेपी) क्षेत्रीय पार्टी के सहयोगी संगठन जातीय युवा शक्ति द्वारा किया जा रहा था। प्रदर्शनकारियों की नारेबाजी के बीच, बैंक के प्रबंध निदेशक डंबरू सैकिया, जिन्हें मुख्यमंत्री का करीबी माना जाता है, मौके पर पहुंचे।
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क्रॉसकरंट द्वारा अपने यूट्यूब चैनल पर प्रसारित एक वीडियो क्लिप में मोजुमदार ने सैकिया की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया, और कैमरे पर उनसे एक मिनट रुकने के लिए कहा, ताकि वे उनसे आरोपों के बारे में कुछ सवाल पूछ सकें। वीडियो क्लिप में, सैकिया को स्पष्ट रूप से मोजुमदार से अपने कार्यालय में ऊपर आने के लिए कहते हुए सुना जा सकता है।
क्रॉसकरंट के संपादक अरूप कलिता ने बताया: "अजीब बात यह है कि जब वे बैंक से बाहर निकल रहे थे, तो पान बाजार पुलिस स्टेशन से मोजुमदार को एक कॉल आया, जिसमें उन्हें तुरंत रिपोर्ट करने के लिए कहा गया। वहां पहुंचने पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया।"
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एडिटर्स गिल्ड ने एक बयान जारी कर असम में पत्रकार दिलवर हुसैन मोजुमदार की गिरफ्तारी पर चिंता जताई है। गिल्ड ने कहा है कि काम को दौरान पत्रकार को सवाल पूछने का हक है और ऐसे में सरकार की भी जिम्मेदारी है कि वह पत्रकारों को उनका काम करने में कोई अड़चन न आने दे। गिल्ड ने कहा है कि ऐसे वक्त में जब देश भर में मीडिया की आवाज दबाने का काम किया जा रहा है, असम की घटना बेहद चिंताजनक है।
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एडिटर्स गिल्ड ने असम सरकार से अपील की है कि वह उन परिस्थितियों के बारे में स्पष्टीकरण दे जिनके तहत पत्रकार दिलवर हुसैन मजूमदार की गिरफ्तारी की गई है। गिल्ड ने कहा है कि किसी भी पत्रकार को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार करना सही नहीं है। गिल्ड ने सभी सरकारों और सरकारी एजेंसियों से अपील की है कि वे स्वतंत्रता पत्रकारिता के लिए संवैधानिक मूल्यों का ध्यान रखें और पत्रकारों को धमकाने के लिए आपराधिक कानूनों का इस्तेमाल न करें।
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असम कांग्रेस कमेटी ने इस मामले में बयान जारी कर कहा है कि असम में प्रेस की आजादी पर खतरा मंडरा रहा है। पार्टी ने कहा है कि क्रॉस करेंट के पत्रकार दिलवर हुसैन मजूमदार को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह एपेक्स बैंक के सामने हो रहे धरने को कवर कर रहे थे।
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इस बीच गुवाहाटी में बुधवार को पत्रकारों ने वरिष्ठ पत्रकार दिलवर हुसैन मजूमदार की गिरफ्तारी के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की। आरोप है कि इसके बाद मजूमदार को भारतीय दंड संहिता की धारा 351(2)/3(1)(आर) और एससी/एसटी (अत्याचारों की रोकथाम) अधिनियम, 2015 के तहत गिरफ्तार किया गया।
गुवाहाटी प्रेस क्लब ने इस घटना की कड़ी निंदाकरते हुए मजूमदार की जल्द रिहाई की मांग की है। प्रेस क्लब के महासचिव संजय रे ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है कि एक पत्रकार को अपने कर्तव्य का पालन करते हुए हिरासत में लिया गया। हम अधिकारियों से प्रेस की स्वतंत्रता को बनाए रखने का आग्रह करते हैं।
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