मध्य प्रदेश की सरकार का किसानों और बेरोजगारों पर खास जोर है, और वह इसी लिहाज से योजनाओं को अमली जामा पहना रही है। इसी क्रम में सरकार शिक्षित बेरोजगारों को उद्यानिकी फसलों के लिए सरकारी जमीन देने के लिए नीति बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को उद्यानिकी विभाग की गतिविधियों की समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिक्षित बेरोजगारों को उद्यानिकी फसलों के लिए भूमि के उपयोग का अधिकार देने संबंधी नई नीति शीघ्र बनाने के निर्देश दिए हैं।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, प्रदेश में ऐसी शासकीय भूमि को चिन्हित किया जाएगा, जहां पानी की व्यवस्था हो। इस भूमि पर संरक्षित खेती जैसे फूल-फल, सब्जियां तथा एक्जोटिक फसलें ऑर्नामेंटल नर्सरी के साथ ही टीशू कल्चर आदि विकसित किए जाएंगे।
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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर विकसित करने के साथ ही तय किया है कि चिन्हित भूमि शिक्षित बेरोजगारों को दी जाए, ताकि वे इसके जरिए अपने लिए रोजगार के साधन विकसित कर सकें। सूत्रों के अनुसार, राज्य में मुख्यमंत्री बागवानी खाद्य प्रसंस्करण योजना के जरिए आर्किड पार्क स्थापित किए जाने की योजना है। फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए पढ़े-लिखे नौजवानों को औद्योगिक विकास केन्द्र के माध्यम से एक एकड़ से ढाई एकड़ तक भूमि के विकसित प्लॉट आवंटित किए जाएंगे। इनमें सड़क, बिजली, पानी आदि की व्यवस्था भी शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
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सरकार ने नौजवानों को उद्यानिकी फसलों के लिए जमीन देने की योजना पर काम शुरू किया है। यह जमीन किस आधार पर, किस नौजवान को और कितने समय के लिए दी जाएगी, इसका प्रारूप बनने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि कमलनाथ सरकार एक तरफ किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर रही है तो दूसरी ओर शहरी नौजवानों के लिए युवा स्वाभिमान योजना शुरू की गई है। इस योजना में युवाओं को साल में 100 दिन का काम दिया जा रहा है, जिसके तहत उन्हें प्रतिमाह चार हजार रुपये और अधिकतम 13 हजार रुपये मिलेंगे।
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