केरल में पिछले एक सप्ताह से तबाही मचा रही बारिश आखिरकार थम गई है। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने सोमवार को कहा कि राज्य में 10 लाख से अधिक लोग इस समय 3,274 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। मुख्यमंत्री ने मीडिया को यह भी बताया कि फंसे हुए लगभग 602 लोगों को बचाया गया है।
वहीं, केरल की विनाशकारी बाढ़ में फंसे सैकड़ों लोगों को बचाने के लिए व्यापक सराहना पा रहे मछुआरों के एक प्रमुख नेता ने सोमवार को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा समुदाय के प्रत्येक सदस्य को तीन हजार रुपये देने की पेशकश को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। फोर्ट कोच्चि के रहने वाले खैस मोहम्मद ने एक वीडियो पोस्ट में कहा कि वह और उनके सहयोगी मुख्यमंत्री से मिली सराहना से काफी खुश हैं। विजयन ने दूर-दराज के इलाकों में बारिश और खतरनाक जलस्तर होने के दौरान अपनी जान पर खेलकर असहाय लोगों को बचाने में अहम भूमिका निभाने के लिए समुदाय की सराहना की थी।
मोहम्मद ने कहा, "कई लोगों को बचाकर मैं और मेरे दोस्त वास्तव में काफी खुश हैं। इससे ज्यादा खुशी की क्या बात हो सकती है जब आप (विजयन) कहें कि हम (मछुआरे) आपकी सेना हैं।"
उन्होंने कहा, "लेकिन, जब हमने सुना कि हमारी सेवा के लिए तीन हजार रुपये का भुगतान किया जाएगा तो सर हमें इससे दुख हुआ क्योंकि हमने अपने साथी इंसानों की जान पैसों के लिए नहीं बचाई।"
उन्होंने कहा कि हालांकि सभी मछुआरे खुश हैं कि सरकार ने उन्हें उनकी क्षतिग्रस्त नावों की मरम्मत मुफ्त कराने का वादा किया है।
उन्होंने कहा, "यह अच्छी खबर है। लेकिन जिंदगियां बचाने के लिए हमें पैसे नहीं चाहिए।"
इस बीच केंद्र सरकार ने केरल की विनाशकारी बाढ़ को 'गंभीर प्रकृति की आपदा' घोषित किया है। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार को एक बयान में कहा कि 'केरल में बाढ़ की तीव्रता व परिमाण को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इसे गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित किया है।'
नायडू और महाजन ने कहा है कि उन्होंने अपने एक महीने का वेतन केरल में राहत और पुनर्वास के लिए दान करने का फैसला किया है और उन्होंने सभी सांसदों से भी एक महीने का वेतन दान करने की अपील की है।
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इसके अलावा सीपीएम की केरल इकाई ने सोमवार को वन मंत्री पी राजू को पिछले सप्ताह जर्मनी जाने के लिए पार्टी से बाहर करने की चेतावनी दी और उन्हें तुरंत वापस लौटने का निर्देश दिया। राजू उस वक्त जर्मनी गए, जब राज्य विनाशकारी बाढ़ की चपेट में है।
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