
केरल में एसआईआर को लेकर जारी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से महत्वपूर्ण सवाल पूछा है। शीर्ष अदालत ने जानना चाहा है कि स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए क्या फॉर्म भरने की तारीख एक सप्ताह और बढ़ाई जा सकती है?
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि सरकारी मशीनरी को कोई समस्या नहीं है, लेकिन कुछ राजनीतिक दल आपत्ति जता रहे हैं। ऐसे में चुनाव आयोग को उनके मुद्दों पर विचार करना चाहिए।
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सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने अदालत को जानकारी दी कि एसआईआर के लिए पूरी तरह अलग टीम तैनात की गई है। 25,000 कर्मचारी केवल एसआईआर प्रक्रिया में लगे हैं और स्थानीय निकाय चुनाव के लिए अलग स्टाफ काम कर रहा है।
चुनाव आयोग ने कहा कि एन्यूमरेशन फॉर्म भरने की अंतिम तारीख 4 दिसंबर निर्धारित थी, जिसे पहले ही बढ़ाकर 11 दिसंबर किया जा चुका है।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जब डेडलाइन बढ़ाई जा सकती है, तो स्थानीय चुनावों को देखते हुए क्या इसे और एक सप्ताह बढ़ाया जा सकता है?
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अदालत ने कहा कि केरल की जो भी राजनीतिक पार्टियां तारीख बढ़ाने की मांग कर रही हैं, वे बुधवार तक चुनाव आयोग को आवेदन दें। साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह दो दिनों के भीतर इन आवेदनों पर निर्णय ले और अपनी स्थिति स्पष्ट करे।
इससे पहले 26 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से उन याचिकाओं पर भी जवाब मांगा था, जिनमें तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती दी गई है। ये याचिकाएं नेताओं, कार्यकर्ताओं और कई एनजीओ द्वारा दायर की गई थीं।
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सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि यह मामला चुनावों और एसआईआर दोनों की सुचारू प्रक्रिया से जुड़ा है। अब चुनाव आयोग की रिपोर्ट और उसके फैसले पर ही यह तय होगा कि क्या एसआईआर की तारीख एक बार फिर बढ़ती है या नहीं।
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