राजनीति का स्तर दिन ब दिन गिरता ही जा रहा है। अब तो नेताओं के बीच हाथापाई भी आम हो गई है। ऐसा ही कुछ दिखा पश्चिम बंगाल में, जहां बीजेपी और टीएमसी के नेता आपस में भिड़ गए। दरअसल कोलकाता नगर निगम (केएमसी) का सत्र चल रहा है। इसी बीच शनिवार को सत्र के दौरान तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के दो पार्षद आपस में उलझ गए। इसमें तृणमूल कांग्रेस के असीम बसु और बीजेपी के पार्षद सजल घोष हैं। हालात इतने बिगड़ गए कि केएमसी की चेयरपर्सन माला रॉय को सत्र को कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा।
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हंगामा माला रॉय के साथ-साथ केएमसी मेयर फिरहाद हकीम की टिप्पणियों पर तब शुरू हुआ जब यह देखा गया कि विपक्षी बीजेपी और वाम मोर्चा ने सत्र के लिए कोई प्रश्न या प्रस्ताव नहीं रखा था। माला रॉय ने टिप्पणी की यह आश्चर्य की बात है कि विपक्ष के पास इस सत्र के लिए प्रश्न नहीं हैं। इसके बाद मेयर की ओर से टिप्पणी की गई कि केएमसी में विपक्ष की ऐसी हालत है।
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इस पर वार्ड नंबर 50 के बीजेपी पार्षद सजल घोष ने कड़ी आलोचना की। उन्होंने सवाल किया, "सत्र के दौरान किसी भी प्रश्न या प्रस्ताव को रखने का क्या मतलब है? क्या सत्ता पक्ष के सदस्य विपक्ष को कोई महत्व देते हैं?"
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घोष की टिप्पणी पर माला रॉय ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई और कहा कि वह विपक्ष की भूमिका के बारे में उनसे कोई सबक नहीं लेंगी। मैं लंबे समय तक विपक्ष में थी। मैं जानती हूं कि विपक्ष के रूप में कैसे काम करना है। मैं इस मामले में आपसे सबक नहीं लूंगी।
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जब घोष ने रॉय की टिप्पणियों का कड़ा विरोध किया, तो तृणमूल कांग्रेस के पार्षद असीम बसु उनके साथ तीखी बहस में उलझ गए, जिसके कारण दोनों के बीच हाथापाई हो गई। माला रॉय ने कुछ समय के लिए सत्र स्थगित कर दिया। बाद में अन्य सदस्यों ने दोनों को अलग किया और सत्र दोबारा शुरू हुआ।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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