एक वकील साहब को कोर्ट में टशन दिखाना महंगा पड़ गया है। अब उन्हें 6 महीने की सजा दी गई है, साथ में तीन साल तक वकालत भी नहीं कर सकेंगे। दरअसल, यह मामला 2021 की है, इस मामले में वकील अशोक पांडे ने बिना वकीली गाउन और खुले शर्ट के बटन में अदालत में पेश होकर न केवल कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाई, बल्कि जजों से बदसलूकी भी की थी। इसी मामले में न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति बीआर सिंह की डिवीजन बेंच ने सजा सुनाया।
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यह अवमानना का मामला अगस्त 2021 का है। उस समय वरिष्ठ वकील अशोक पांडे बिना वकीली पोशाक के और खुले बटन वाली शर्ट पहनकर अदालत में पेश हुए थे। जब अदालत ने उनकी वेशभूषा पर आपत्ति जताई और बाहर जाने को कहा, तो उन्होंने कथित तौर पर जजों को “गुंडा” कह दिया।
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इसके बाद कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की। पांडे जी अकड़ यहां भी खत्म नहीं हुई। कोर्ट द्वारा कई बार अवसर दिए जाने के बाद भी उन्होंने कभी कोई जवाब नहीं दिया।
जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाते हुए कहा कि इस गंभीर मामले, आरोपी के पूर्व आचरण और अदालती प्रक्रिया में हिस्सा न लेने के कारण "उदाहरणात्मक सजा" जरूरी है। अदालत ने कहा कि पांडे का व्यवहार न्यायालय की गरिमा और अनुशासन के खिलाफ है।
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कोर्ट ने अशोक पांडे को छह महीने की कैद की सजा सुनाई है। साथ ही ₹2,000 का जुर्माना भी लगाया गया है। अगर वह यह जुर्माना नहीं भरते हैं, तो उन्हें एक महीने की अतिरिक्त जेल होगी। साथ ही अशोक पांडे पर तीन साल तक वकालत करने पर भी रोक लग सकती है। अदालत ने उन्हें चार हफ्तों के अंदर लखनऊ के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजीएम) के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है।
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