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लखनऊ पासपोर्ट विवाद: अधिकारी विकास मिश्रा के समर्थन में आए आरएसएस नेता समेत कई लोग

लखनऊ में पासपोर्ट बनवाने गए हिंदू-मुस्लिम जोड़े के कथित अपमान का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। अब पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा के समर्थन में आरएसएस नेता राजीव तुली आ गए हैं। उन्होंने कहा कि विकास मिश्रा को न्याय मिलना चाहिए।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा 

लखनऊ के पासपोर्ट ऑफिस में अधिकारी विकास मिश्रा का तबादला गोरखपुर हो चुका है। उन पर एक हिंदू-मुस्लिम दंपति को धर्म के नाम पर कथित तौर पर अपमानित करने का आरोप लगा था। अब उनके समर्थन में कई लोग आ गए हैं जिसमें आरएसएस नेता राजीव तुली भी शामिल हैं। विकास मिश्रा के पक्ष में ट्विटर पर #ISupportVikasMishra हैशटैग के साथ एक मुहिम भी चलाई गई।

आरएसएस नेता राजीव तुली ने कहा, “विकास मिश्रा को न्याय मिलना चाहिए। विक्टिम कार्ड और ऊपर तक पहुंच के इतर भी दुनिया है। सुषमा स्वराज कानूनों से ऊपर नहीं हैं। आशा है कि वे अपने इस अधिकारी की बात भी सुनेंगी और पूरे मामले की जांच होगी।”

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ट्विटर पर कई कई चर्चित हस्तियों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पीएमओ और विदेश मंत्रालय को टैग करते हुए विकास मिश्रा के समर्थन में आवाज उठाई है। इस मामले में जानी-मानी लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने भी ट्वीट कर कहा, “सरकारी नियम की एक प्रक्रिया है, पासपोर्ट के लिए तो और भी गहन गंभीर प्रक्रिया होती है, मामले की पूरी जांच के बिना अफसर को हटाना ठीक नहीं।”

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फिल्मकार अशोक पंडित ने लिखा, “विकास मिश्रा के पक्ष को भी सुनने की जरुरत है। वे एक ही महिला द्वारा दो नाम इस्तेमाल करने पर सवाल उठा रहे थे। उन्हें दस्तावेजों की जांच करने का पूरा हक है। हमें कैसे पता की तन्वी जो आरोप लगा रही हैं, वह सही है। पासपोर्ट बनवाने के लिए वे झूठ भी बोल सकती हैं।”

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21 जून को लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा पर तन्वी सेठ और उनके पति अनस सिद्दीकी ने आरोप लगाया था कि हिंदू-मुस्लिम दंपत्ति होने की वजह से दोनों को अपमानित किया गया। मामले के तूल पकड़ने के बाद पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा से स्पष्टीकरण मांगते हुए तत्काल प्रभाव से उनका तबादला गोरखपुर कर दिया गया था। वही तन्वी और उनके पति अनस सिद्दीकी का पासपोर्ट एक घंटे के भीतर जारी कर दिया गया।

अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए अधिकारी विकास मिश्रा ने मीडिया के समक्ष अपना पक्ष रखा था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने जाति और धर्म के नाम पर कोई टिप्पणी नहीं की थी। उन्होंने बताया कि तन्वी के निकाहनामे में उनका नाम सादिया दर्ज था, जबकि दूसरे कागजात में नाम तन्वी सेठ लिखा हुआ था। ऐसे में उन्होंने तन्वी से कहा था कि एक प्रार्थना पत्र लिखकर दें।

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