मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने 15 जनवरी को किसान कानूनों के विरोध में दो घंटे का राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा है कि इस दिन दो मिनट का हॉर्न-शंखनाद होगा और दो घंटे तक चक्का जाम रखा जाएगा। इसके बाद 23 जनवरी को राजभवन का घेराव होगा।
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पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गुरुवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं से खुलकर चर्चा की। उन्होंने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि इन कानूनों से कृषि उत्पाद के बाजारों पर कार्पोरेट घरानों का कब्जा हो जाएगा और छोटे व्यापारियों का व्यापार और व्यापारिक प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाएगी। नतीजतन, बड़े व्यापारी मनमानी करेंगे।
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कमल नाथ ने एमएसपी को कानूनी रूप देने के साथ तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग की। साथ ही कहा कि कांग्रेस द्वारा सात से 15 जनवरी तक एक दिन का धरना, प्रदर्शन और बैठक होगी। इसके अलावा 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे से दो घंटों किसानों द्वारा चक्काजाम किया जाएगा। इस चक्का जाम की शुरुआत और अंत में दो मिनट का हॉर्न-शंखनाद होगा। 20 जनवरी को मुरैना में किसान महापंचायत होगी और 23 जनवरी को राजभवन का घेराव होगा।
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इस दौरान कमल नाथ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि आरएसएस और उसकी राजनीतिक शाखा जनसंघ या बीजेपी हमेशा ही पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की हिमायती रही है, जबकि कांग्रेस के अलावा कम्युनिस्ट पार्टियां और समाजवादी पार्टी हमेशा समाजवादी अर्थव्यवस्था की समर्थक रही हैं। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि आरएसएस और जनसंघ ने तो बड़े सार्वजनिक उपक्रमों और बड़े बांधों का भी विरोध किया था।
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