
सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को सरकारी संपत्ति के कथित दुरुपयोग के लिए अंसारी परिवार के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामले में अग्रिम जमानत दे दी। न्यायाधीश एम.एम. सुंदरेश और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने उमर अंसारी को यह कहते हुए राहत दी कि वह उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा शुरू की गई कार्यवाही में सहयोग कर रहे हैं।
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इससे पहले हाईकोर्ट ने उमर को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। जुलाई के महीने में शीर्ष अदालत ने उन्हें जांच प्रक्रिया में उनकी मेहनती भागीदारी की शर्त पर गिरफ्तारी के खिलाफ अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी।
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इस मामले की एफआईआर अगस्त, 2020 मे राजस्व अधिकारी सुरजन लाल ने लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। एफआईआर को खारिज करने की मांग लिए उमर हाईकोर्ट पहुंचे थे। एफआईआर में उमर अंसारी पर कथित फर्जी तरीके से संपत्ति अपने नाम कराने का आरोप हैं। इसके साथ ही उमर पर आपराधिक साजिश रचने का भी आरोप है।
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