महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे घोषित होने के दो सप्ताह से ज्यादा वक्त गुजरने के बाद भी सरकार बनाने का रास्ता साफ नहीं हुआ है। शिवसेना और बीजेपी की मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी खींचतान के चलते वहां अब तक सरकार का गठन नहीं हो पाया है। ऐसे में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया है। यह न्योता बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते दिया गया है। गौरतलब है कि 24 अक्टूबर को आए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी को 105 सीटें हासिल हुई हैं। हालांकि इससे पहले शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणविस ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को दे दिया था।
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याद दिला दें कि महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजे आ गए थे, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी न तो किसी पार्टी या पार्टियों के गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा किया है। इस गतिरोध ते चलते राज्यपाल ने खुद ही सरकार बनने की संभावनाओं को तलाशने की कोशिश की, जिसके बाद शनिवार को राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी, बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया है।
राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने के बाद बहुमत साबित करने के लिए 11 नवंबर यानी सोमवार को रात 8 बजे तक का समय दिया है।
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दरअसल महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था और नतीजों में दोनों पार्टियों के गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला था। दोनों दलों की आपस में मिलकर 150 से ज्यादा सीटें आईं थी जो महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288 सीटों के आधे से ज्यादा हैं। ऐसे में इस गठबंध को सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन नतीजों के बाद शिवसेना ने बीजेपी को वह वादा याद दिलाया जो उससे चुनाव से पहले किया गया था। शिवसेना का दावा है कि बीजेपी ने उससे वादा किया था कि विधानसभा चुनावों के बाद 50-50 फार्मूले पर सरकार बनेगी यानी ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री रहेगा और ढाई साल बीजेपी का। शिवसेना पहले ढाई साल में अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। लेकिन बीजेपी ने ऐसे किसी भी वादे से इनकार कर दिया, इसके बाद ही गतिरोध बढ़ गया।
इस गतिरोध के बीच शुक्रवार को देवेंद्र फडणविस ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा तो अटकलें लगाई गईं कि बीजेपी ने सरकार बनाने की अपने स्तर से हर कोशिश कर ली है और अब दूसरे दलों का रुख जानना चाहती है। इस्तीफे के बाद फडणवीस ने
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्पष्ट किया था कि, “मेरे सामने कभी भी उद्धव ठाकरे ने ढाई-ढाई साल के सीएम का प्रस्ताव नहीं रखा था।” हालांकि उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि अगर यह बात अमित शाह के साथ हुई होगी तो वह मुझे पता नहीं है। फडणवीस ने आगे कहा कि, “चुनावों के बाद महायुति की अच्छी सीटें आई थीं। हम लोग बैठ कर इस मामले को सुलझा सकते थे, लेकिन उनका रुख डिस्कशन का नहीं था। पहले दिन से ही उन लोगों ने बयानबाजी शुरू कर दी थी।“
इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद उद्धव ठाकरे ने फडणवीस को दिया करारा जवाब दिया।
शिवसेना की तरफ से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने फडणवीस की तमाम बातों का खंडन किया। उसके बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी मीडिया के सामने आए और एक-एक कर सभी बातों पर अपना पक्ष रखा और स्पष्ट किया कि बीजेपी की ओर से झूठ बोला गया और मैं झूठों से बात नहीं करता। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर दोहराया कि ‘मैंने अपने पिता को वचन दिया है कि एक दिन शिवसैनिक को महाराष्ट्र का सीएम बनाउंगा और उस पर मैं आज भी अटल हूं।’
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