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महाराष्ट्र चुनावः निर्वाचन आयोग पहुंचा कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, मतदान प्रतिशत समेत 4 मुद्दों पर मांगा ठोस जवाब

कांग्रेस ने चुनाव आयोग के समक्ष चार मुख्य मुद्दे उठाए। पहला वोटर लिस्ट से बड़ी संख्या में नाम हटाए जाने का, दूसरा- मतदाता सूची में बड़ै पैमाने पर नए नाम जुड़ने का, तीसरा अंतिम वोटिंग प्रतिशत में भारी इजाफा का और चौथा 102 सीट पर 25000 अतिरिक्त वोटिंग का है।

निर्वाचन आयोग पहुंचा कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, मतदान प्रतिशत समेत 4 मुद्दों पर मांगा ठोस जवाब
निर्वाचन आयोग पहुंचा कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, मतदान प्रतिशत समेत 4 मुद्दों पर मांगा ठोस जवाब फोटोः सोशल मीडिया

महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर उठ रहे सवालों के बीच कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार शाम को चुनाव आयोग पहुंचकर निर्वाचन आयुक्तों से मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने राज्य चुनाव में वोटिंग के बाद अंतिम मतदान प्रतिशत में भारी वृद्धि समेत कई मुद्दों पर आयोग से ठोस जवाब की मांग की। कांग्रेस ने आयोग से आग्रह किया कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अविश्वास को दूर करने के लिए विस्तृत डेटा जारी किया जाए।

कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार शाम दिल्ली में निर्वाचन आयोग के मुख्यालय पहुंचा और पार्टी की तरफ से बिंदुवार मुद्दे रखे। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले, वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा, प्रवीण चक्रवर्ती और कुछ अन्य नेता शामिल थे।

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चुनाव आय़ोग से मुलाकात के बाद कांग्रेस सांसद और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "हमने बहुत ही सौहार्दपूर्ण, रचनात्मक और सकारात्मक माहौल में चर्चा की। हम ने आयोग को कहा कि असमान लेवल प्लेइंग फिल्ड सीधे भारतीय संविधान के मूल ढांचे को प्रभावित करता है और उसे कमजोर करता है। हमने कहा कि हम पारदर्शिता के हित में और विश्वास की कमी को कम करने के लिए रचनात्मक भावना से आपके सामने आए हैं और आखिरकार हमारा पहला कदम बड़ी मात्रा में कच्चे डेटा का खुलासा करना है। एक बार जब हमारे पास कच्चा डेटा होगा तो हम अपने निष्कर्ष दे पाएंगे और आगे का विश्लेषण करेंगे।

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अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, हमने चुनाव आयोग के समक्ष चार मुख्य मुद्दे उठाए। मुद्दा नंबर एक महाराष्ट्र चुनावों में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों के बीच पाँच महीने की अवधि में मतदाता सूचियों से बड़ी संख्या में नाम हटाए जाने का था। हमने घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने के दावे पर सवाल उठाया है जो हटाने से पहले अनिवार्य रूप से आवश्यक है। हमने इसका बूथ-वार और निर्वाचन क्षेत्र-वार कच्चा डेटा मांगा है।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, दूसरा मुद्दा जो हमने उठाया वह मतदाता सूची में नाम जोड़ने का था। हमने बताया कि पाँच महीनों के इस छोटे से समय में, मोटे तौर पर 47 लाख मतदाता जुड़े हैं। अब चुनाव आयोग का कहना है कि यह 39 लाख है। 4.5 महीने की अवधि में यह कोई छोटी संख्या नहीं है। हमने इसे लेकर भी आयोग से कच्चा डेटा मांगा है। उन्होंने निकट भविष्य में लिखित रूप में इसका जवाब देने का वादा किया है।

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सिंघवी ने कहा कि तीसरा मुद्दा एक बहुत ही महत्वपूर्ण और परेशान करने वाला मुद्दा रहा है जो राज्य दर राज्य दोहराया गया है, लेकिन संभवतः महाराष्ट्र ने इसे सबसे स्पष्ट रूप से चित्रित किया है, वह है अंतिम मतदान प्रतिशत का बड़े पैमाने पर बढ़ जाना। सिंघवी ने कहा कि महाराष्ट्र में मतदान के दिन शाम 5 बजे मतदान प्रतिशत कुछ और था, 11 बजे कुछ और हो गया और दो दिन बाद गिनती से पहले कुछ और हो गया। इस दौरान मतदान प्रतिशत में करीब 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई, जो करीब 70 लाख होता है। इससे चुनाव का पूरा खेल बदल सकता है।हमने इस पर भी आयोग से रॉ डेटा मांगा है।

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अभिषेक मनु सिंघवी ने अंत में कहा कि इसके अलावा हमने चुनाव आयोग को एक पत्रक दिया, जिसमें दिखाया गया कि आश्चर्यजनक रूप से 118 निर्वाचन क्षेत्रों में, जिनमें से बीजेपी ने 102 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की, प्रति निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के मुकाबबले 25,000 व्यक्तियों का अतिरिक्त मतदान हुआ। चुनाव आयोग ने हमें निकट भविष्य में लिखित रूप में बिंदुवार स्पष्टीकरण या खंडन देने का भरोसा दिया है। सिंघवी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि ऐसा जवाब मिलेगा, जो पारदर्शी होगा और अविश्वास को दूर करेगा।’’

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