हालात

महाराष्ट्रः मराठा आरक्षण नेता मनोज जारांगे पाटिल ने अनशन खत्म किया, सरकार को दो महीने का समय दिया

एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमें मनोज जारांगे पाटिल से दो महीने का समय मिला है। कुछ जिलों में स्थिति अच्छी नहीं है, हमने देखा कि प्रदर्शनकारियों ने विधायकों के घरों को जला दिया। अब जब उन्होंने अपनी हड़ताल ख़त्म कर दी है तो मुझे नहीं लगता कि ऐसी हिंसा होगी।

मराठा आरक्षण नेता मनोज जारांगे पाटिल ने अनशन खत्म किया, सरकार को दो महीने का समय दिया
मराठा आरक्षण नेता मनोज जारांगे पाटिल ने अनशन खत्म किया, सरकार को दो महीने का समय दिया फोटोः वीडियोग्रैब

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के लिए पिछले दस दिन से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारांगे पाटिल ने आज जालना के अपने गांव में सरकार के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के बाद अपना अनशन खत्म कर दिया है। उन्होंने मराठा आरक्षण का मुद्दा सुलझाने के लिए राज्य सरकार को 24 दिसंबर तक का समय दिया है। साथ ही उन्होंने कई जिलों में इंटरनेट सेवा बहाली की भी मांग की है।

Published: undefined

इसकी जानकारी देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मनोज जारांगे पाटिल ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी है। हमारे प्रतिनिधिमंडल ने पाटिल से मुलाकात की। मैंने उनसे फोन पर बात की और उनके साथ मुद्दों पर चर्चा की। मैंने उनसे कहा कि मराठों को आरक्षण देने के मामले में सरकार बहुत सकारात्मक है। हम मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र प्रदान कर रहे हैं। हमने जस्टिस शिंदे की समिति की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। एक सरकार के रूप में हम जल्दबाजी में निर्णय नहीं ले सकते हैं। हम युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हमारे लिए और मराठा आरक्षण के लिए एक खिड़की खोली है।

Published: undefined

एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि हमें मनोज जारांगे पाटिल से दो महीने का समय मिला है। पुलिस इंटरनेट बहाली पर काम कर रही है। कुछ जिलों में स्थिति अच्छी नहीं है, हमने देखा कि प्रदर्शनकारियों ने विधायकों के घरों को जला दिया। अब जब उन्होंने अपनी हड़ताल ख़त्म कर दी है तो मुझे नहीं लगता कि ऐसी हिंसा होगी।

Published: undefined

बता दें कि 25 अक्टूबर को मनोज जारांगे-पाटिल के जालना के अपने गांव में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने के बाद से पिछले 10 दिनोंं से मराठा आरक्षण आंदोलन एकनाथ शिंदे सरकार के लिए बड़ी मुश्किल का सबब बना हुआ था। आंदोलन का असर धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में फैलता जा रहा था। विभिन्न जिलों में एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने आरक्षण की मांग को लेकर आत्महत्या कर ली थी। विभिन्न जिलों में हिंसा भी शुरू हो गई थी। दो दिन पहले बीड में भीड़ ने एनसीपी के दो विधायकों और एक पूर्व मंत्री के घरों और एनसीपी के दफ्तर पर हमला कर आग लगा दी थी।

Published: undefined

इसके बाद हालात को देखते हुए सरकार ने एक दिन पहले 1 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें सभी दलों के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर मराठा आरक्षण देने पर सहमति जताई थी। इसके साथ ही प्रस्ताव में जारांगे पाटिल से भूख हड़ताल समाप्त करने और आरक्षण को लागू करने के लिए सरकार को और समय देने की मांग की थी। हालांकि उस समय पाटिल ने इस मांग को नामंजूर कर दिया था। लेकिन आज उन्होंने सरकार से बातचीत के बाद अपना अनशन खत्म कर दिया है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined