पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने राजधानी दिल्ली के वसंत कुंज स्थित जय हिंद कॉलोनी में रह रहे बंगाली प्रवासी मजदूरों के साथ उत्पीड़न का आरोप लगाया है। ममता ने बीजेपी के इशारे पर कॉलोनी में रहने वाले सैकड़ों लोगों की पानी और बिजली की सप्लाई बंद करने का भी आरोप लगाया है।
ममता बनर्जी ने लिखा, मैं नई दिल्ली के वसंत कुंज स्थित जय हिंद कॉलोनी से उत्पीड़न की चौंकाने वाली खबर सुनकर बेहद परेशान हूं। यह बस्ती मुख्यतः बंगालियों की है जो शहर के असंगठित कार्यबल का हिस्सा बनकर इस शहर का निर्माण करते हैं। कथित तौर पर बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के आदेश पर उनकी पानी की आपूर्ति काट दी गई। बिजली के मीटर जब्त कर लिए गए और परसों अचानक बिजली काट दी गई।
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ममता ने कहा कि निवासियों का यह भी आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने, आरएएफ कर्मियों के समर्थन से, उनके द्वारा मंगवाए गए और भुगतान किए गए निजी पानी के टैंकरों को रोक दिया। पिछले दिसंबर में दिल्ली पुलिस द्वारा एक और उल्लंघन के बाद मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद, जबरन बेदखली की प्रक्रिया चल रही है। अगर आश्रय, पानी और बिजली के बुनियादी अधिकारों का हनन हो रहा है, तो हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य होने का दावा कैसे कर सकते हैं?
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ममता ने आगे कहा, बंगाल में डेढ़ करोड़ से ज़्यादा प्रवासी मज़दूर हैं जो सम्मान के साथ रह रहे हैं। लेकिन बीजेपी शासित राज्यों के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता, जहां बंगालियों के साथ उनके ही देश में घुसपैठियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। बंगाली बोलने से कोई बांग्लादेशी नहीं हो जाता। ये लोग भी उतने ही भारत के नागरिक हैं जितने कोई और, चाहे वे कोई भी भाषा बोलते हों।
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टीएमसी प्रमुख ने कहा, पश्चिम बंगाल में बंगालियों को वंचित करने की अपनी कोशिशों में नाकाम रहने के बाद, बीजेपी अब अपने बांग्ला-विरोधी एजेंडे को रणनीतिक और व्यवस्थित तरीके से देश के दूसरे हिस्सों में फैला रही है। गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और मध्य प्रदेश से परेशान करने वाली खबरें आई हैं, जहां बंगाली भाषी लोगों को निशाना बनाकर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। और अब, यह दुश्मनी राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच गई है। जब बंगाल के लोगों के साथ उनके ही देश में घुसपैठियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है, तब तक हम चुप नहीं रहेंगे। बंगाल हर उत्पीड़ित आवाज के साथ एकजुटता से खड़ा है। हम इस मुद्दे को हर संभव मंच पर उठाएंगे।
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