पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को लोगों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की गतिविधि और नए नागरिकता कानून (सीएए) के राज्य में क्रियान्वयन को अनुमति नहीं देने को लेकर लोगों को संकल्प दिलाया। उन्होंने विवादित कानून और एनआरसी के खिलाफ एक बड़ी विरोध रैली का नेतृत्व किया। शहर के मध्य में इंदिरा गांधी सरनी मार्ग पर बी.आर.आंबेडकर की प्रतिमा को माला पहनाने के बाद संकल्प लेते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि किसी को बंगाल नहीं छोड़ना होगा और सभी धर्मो के लोगों के बीच शांति और सौहार्द्र बनाने का उन्होंने आह्वान किया।
Published: undefined
रैली की शुरुआत में सीएम ममत बनर्जी ने लोगों को संकल्प दिलाया, “हम सभी नागरिक हैं। हमारा आदर्श सभी धर्मो में सौहार्द्र है। हम किसी को बंगाल नहीं छोड़ने देंगे। हम शांति के साथ और चिंता मुक्त होकर रहेंगे। हम बंगाल में एनआरसी और सीएए को अनुमति नहीं देंगे। हमें शांति बनाए रखना है।" उन्होंने पूछा कि अगर सबका साथ नहीं रहेगा तो सबका विकास कैसै होगा? ममता बनर्जी ने कहा कि आज दिल्ली के सीएम ने कहा है कि वो इसे लागू नहीं होने देंगे। बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि वो एनआरसी लागू नहीं होने देंगे। मैं कहती हूं कि नागरिकता संशोधन कानून को भी न लागू होने दें। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा, केरल के मुख्यमंत्री ने कहा, सभी को इसे ना कहना पड़ेगा।
Published: undefined
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा के बीच आरोप लगाया कि कुछ लोग बीजेपी से पैसे लेकर आगजनी और तोड़फोड़ के कृत्यों को अंजाम देते हैं। ममता बनर्जी ने कहा है कि सिर्फ कुछ ट्रेनों में आग लगाई गई और केन्द्र ने बंगाल के अधिकतर हिस्सों में रेल सेवाएं रोक दी।
Published: undefined
रैली को संबोधित करने से पहले तृणमूल सुप्रीमो ने ट्वीट करते हुए लिखा- “असंवैधानिक नागरिक संशोधन बिल और एनआरसी को लेकर कोलकाता में बड़ी रैली की जाएगी। यह दोपहर एक बजे रेड रोड के बाबा साहेब अंबेडकर रोड के नजदीक शुरू होगी और जोरसंको ठाकुरबाड़ी पर खत्म होगी। ”उन्होंने लोगों से कहा कि वे शांतिपूर्व तरीके से रैली में शामिल हों। नागरिकता कानून के विरोध में लगातार चौथे दिन राज्य में प्रदर्शन हुआ और कई जगहों पर रेल और गाड़ियों को रोकने की खबर आई।
Published: undefined
पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर पांच जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गयी हैं। इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने खासकर सोशल मीडिया पर अफवाहों और फर्जी खबरों पर रोक लगाने के लिए यह फैसला लिया गया है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined