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कृषि कानूनों की वापसी पर कंगना के विवादित पोस्ट से भड़के सिरसा, सुरक्षा वापस लेकर अस्पताल में भर्ती कराने की मांग की

मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सरकार ने कंगना रनौत को सुरक्षा दे रखी है। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि उनको सुरक्षा की नहीं एक अस्पताल की जरूरत है, जहां इनका इलाज हो सके। हम कंगना के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएंगे और इन्हें जेल तक छोड़ कर आएंगे।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद अभिनेत्री कंगना रनौत ने भड़कते हुए अपनी प्रितिक्रिया दी। इस पर शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कंगना से सुरक्षा वापस लेकर अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज कराने की सलाह दी है। वहीं उनके बयान पर मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी भी दी है।

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दरअसल कंगना ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में इंदिरा गांधी की तस्वीर साझा करते हुए एक बयान जारी किया। जिसपर उन्होंने लिखा कि, खालिस्तानी आतंकवादी आज भले ही सरकार का हाथ मरोड़ रहे हों। लेकिन उस महिला को मत भूलना, एकमात्र महिला प्रधानमंत्री ने इनको अपनी जूती के नीचे कुचल दिया।

उन्होंने आगे लिखा कि, उन्होंने इस देश को कितनी भी तकलीफ दी हो, उन्होंने अपनी जान की कीमत पर उन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनकी मृत्यु के दशकों के बाद आज भी, उसके नाम से कांपते हैं ये, इनको वैसा ही गुरु चाहिए।

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इस सोशल मीडिया पोस्ट के बाद मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, "मुझे लगता है कि वह मानसिक रूप से बीमार हैं। जिन्होंने एक बार फिर सोशल मीडिया पर कहा है कि प्रधानमंत्री ने जो कानून वापस लिए हैं वो खालिस्तानियों के आगे झुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह तक कहा है कि इंदिरा गांधी ने इनको पैरों तले कुचला था। यह बहुत ही घटिया बयान है।

मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, "सरकार ने कंगना रनौत को सुरक्षा दे रखी है। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि उनको सुरक्षा की नहीं एक अस्पताल की जरूरत है, जहां इनका इलाज हो सके। हम कंगना के खिलाफ मुकदम्मा दर्ज कराएंगे और इन्हें जेल तक छोड़ कर आएंगे।"

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शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश पर्व के मौके पर देश को संबोधित करते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। इसके बाद एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों ने खुशी जाहिर की और फैसले का स्वागत भी किया। हालांकि, किसान यह साफ कर चुके हैं कि, जब तक संसद से कानूनों की वापसी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा, वहीं एमएसपी की गारंटी औरअन्य मुद्दों पर भी सरकार को बात करनी चाहिए।

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