देश के कई सारे वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों और विज्ञान लेखकों ने कथित तौर पर राजनीतिक रूप से प्रेरित इसरो के वैज्ञानिक तपन मिश्रा के ट्रांसफर को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने इसे मसले को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है।
अपने पत्र में उन्होंने मीडिया में आई कई खबरों का हवाला दिया। एक अखबार ने अधिकारियों की टिप्पणी के हवाले से यह भी लिखा कि इसरो के तात्कालिक अध्यक्ष के सलाहकार के रूप में उनकी नियुक्ति ने भविष्य में कभी भी उनके खुद के अध्यक्ष बनने की संभावना को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है क्योंकि इसरो अध्यक्ष पद पर नियुक्ति हमेशा संस्थान के किसी न किसी कार्यकारी निदेशक की ही होती है।
पत्र में मीडिया में आई इस खबर का भी उल्लेख है कि उनका ट्रांसफर दो वजहों से किया गया है। पहला, उन्होंने परियोजनाओं में देरी का विरोध किया। दूसरा, उन्होंने इसरो के निजीकरण का भी विरोध किया।
Published: 01 Aug 2018, 4:02 PM IST
पत्र में कहा गया है कि इसरो जैसे संस्थानों ने राष्ट्र निर्माण में बड़ा योगदान किया है और वे ऐसा इसलिए कर पाए क्योंकि उन्हें संकुचित राजनीति से हमेशा दूर रखा गया।
पत्र में मोदी सरकार की हस्तक्षेप की नीति की तरफ इशारा करते हुए कहा गया है कि हालिया वक्त में न सिर्फ संस्थानों के कामकाज में सरकार दखल दे रही है, बल्कि वैज्ञानिक सोच पर भी हमला कर रही है और इस तरह के रवैये के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
पत्र पर देश के कई महत्वपूर्ण संस्थानों में कार्यरत वैज्ञानिकों और विज्ञान के प्रोफसरों के हस्ताक्षर हैं।
Published: 01 Aug 2018, 4:02 PM IST
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Published: 01 Aug 2018, 4:02 PM IST