केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष निर्देश और अलर्ट जारी किए हैं। इसके तहत कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर अयोध्या को किसी किले की तरह बदल दिया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकी खतरे के बारे में खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के आदेस पर पिछले सप्ताह जारी एक सर्कुलर के माध्यं म से उत्तर प्रदेश सरकार को फिर से सचेत किया है। इसमें प्रदेश सरकार को पुलिस बल की अधिकतम तैनाती का निर्देश दिया गया है। वहीं सोशल साइट्स पर कोई अफवाह न फैले, इसलिए इन पर भी नजर रखने के आदेश हैं।
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एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि अयोध्या में एक सार्वजनिक संबोधन प्रणाली (पब्लिक एड्रेस सिस्टम) को भी संचालित करने को कहा गया है। ऐसी आशंका है कि असामाजिक तत्व लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़का सकते हैं। इसलिए सर्कुलर में उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों पर नजर रखने और विशिष्ट स्थानों पर पुलिस बल तैनात करने के निर्देश भी दिए हैं।
सूत्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, पुलिस महानिदेशक ओ. पी. सिंह और अन्य विभागों को अंतिम समय में होने वाली गड़बड़ियों से बचने के लिए खास निर्देश भेजे गए हैं। खुफिया सूचनाओं के माध्यम से यह पता चला है कि लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे समूहों से जुड़े करीब आधा दर्जन आतंकी अपने पाकिस्तानी संचालकों के इशारे पर राज्य में आतंकी हमले करने के लिए नेपाल की सीमा से होकर उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुके हैं।
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खुफिया जानकारी में चेतावनी दी गई है कि आतंकवादी अयोध्या और आसपास के शहरों में छिपे हो सकते हैं और अयोध्या में हिंदू पुरुषों के रूप में प्रवेश कर सकते हैं। गौरतलब है कि अयोध्या सुरक्षा को लेकर हमेशा हाई अलर्ट पर रहता है। खासकर विवादित स्थल के आसपास काफी सुरक्षा रहती है।
राज्य के पुलिस महकमे ने विश्वास जताया है कि जिस दिन सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले पर अपना फैसला सुनाएगा, उस दिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर में 50 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। उत्तर प्रदेश के एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि भीड़ पर नजर रखने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और ड्रोन सहित आतंकवाद निरोधक दस्ते, विशेष पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को भी तैनात किया जाएगा।
अधिकारी के अनुसार, आरएएफ कंपनियों के अलावा प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) की लगभग 50 कंपनियां तैयार हैं। उन्होंने बताया कि पीएसी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की लगभग 10 कंपनियां स्थायी रूप से विवादित जगह पर साल भर के दौरान सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगी।अधिकारी ने कहा कि एक दर्जन से अधिक पुलिस अधीक्षक, 30 उप-अधीक्षक और अन्य निचले रैंक के अधिकारियों को अयोध्या की सुरक्षा में लगाया जाएगा जिन्हें कुल आठ क्षेत्रों में विभाजित किया गया है।
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