कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी बीते दिनों बुंदेलखंड क्षेत्र के कुछ मजदूरों के लिए अचानक उस समय मददगार बनकर सामने आए, जब ये मजदूर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घर के लिए पैदल सफर के बीच दिल्ली पहुंचे थे। राहुल गांधी ने सड़क किनारे बैठकर ही इन मजदूरों से संवाद किया था और फिर सभी को विशेष वाहन का इंतेजाम करवाकर उनके गांव तक भिजवाया था।
ये सभी मजदूर बुंदेलखंड के झांसी जिले के रानीपुर के रहने वाले हैं। राहुल गांधी के साथ दिल्ली में इनकी बातचीत का वीडियो भी आज जारी किया गया है। संवाद के दौरान राहुल गांधी ने इन मजदूरों के दर्द को समझा, जाना और उन्हें ढांढस देने के साथ ही मदद का भरोसा दिलाया था।
Published: 23 May 2020, 10:00 PM IST
रास्ते में इन मजदूरों के वाहन मध्य प्रदेश के ग्वालियर और दतिया से होकर भी गुजरे। इस दौरान इनकी जरूरतों को स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने पूरा किया। इसके साथ ही कांग्रेस ने आगे भी इन सभी के राशन पानी के इंतजाम की जिम्मेदारी भी ली है।
दिल्ली से झांसी के रानीपुर पहुंचे इन 14 मजदूरों का पहले स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया और इसके बाद इन्हें होम क्वारंटाइन कर दिया गया है। कांग्रेस की झांसी इकाई के जिला अध्यक्ष भगवानदास कोरी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनको आवश्यक जरूरत की सामग्री मुहैया कराने का भरोसा दिलाया है।
Published: 23 May 2020, 10:00 PM IST
अपने गांव पहुंचे मजदूर सुरेंद्र कुमार प्रजापति ने बताया कि वह तो अंदर से हताश और निराश थे और घर की तरफ पैदल ही बढ़े जा रहे थे कि इसी दौरान राहुल गांधी उनके लिए भगवान बन कर आ गए और उन्होंने मदद का भरोसा दिलाया। इसके बाद उन्होंने ही वाहन उपलब्ध कराया, जिससे वे अपने गांव पूरी तरह सुरक्षित पहुंच चुके हैं। सुरेंद्र ने कहा कि उन्हें उम्मीद ही नहीं थी कि कोई व्यक्ति या राजनेता उनकी मदद के लिए आगे आ सकता है। मगर राहुल गांधी ने इस विपत्ति के समय उनकी मदद की, जिसे वे जिंदगी भर नहीं भूलेंगे।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष भगवान दास कोरी ने बताया कि यह मजदूर अपने घरों को पहुंच गए हैं और पूरी तरह संतुष्ट हैं। जिला इकाई ने इन मजदूरों को हर संभव सहयोग और मदद का भरोसा दिलाया है। इन मजदूरों ने राहुल गांधी के प्रति आभार जताया है, क्योंकि विपत्ति के समय उनकी राहुल गांधी की ओर से बहुत बड़ी मदद की गई है।
Published: 23 May 2020, 10:00 PM IST
बता दें कि बुंदेलखंड राहुल गांधी का सियासी पाठशाला माना जाता है, क्योंकि उन्होंने साल 2008 में इस इलाके का सड़क मार्ग से दौरा किया था। इतना ही नहीं, इस दौरान उन्होंने कई गांवों में गरीबों की झोपड़ी में रातें भी गुजारी थीं। उसके बाद ही तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने बुंदेलखंड के लिए 7200 करोड़ का विशेष पैकेज मंजूर किया था।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक अशोक गुप्ता का कहना है कि राहुल गांधी ने वास्तव में जमीनी हालात को बुंदेलखंड के दौरे से ही जाना था, सियासी पाठशाला तो उनकी बुंदेलखंड ही है। वे यहां गरीबों की झोपड़ी में रुके थे और यही कारण रहा कि उनके हर भाषण में बुंदेलखंड के लोगों का दर्द सुनाई दिया।
Published: 23 May 2020, 10:00 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 23 May 2020, 10:00 PM IST