दिल्ली हिंसा के दौरान हुए रिपोर्टिंग को लेकर दो मीडिया संस्थानों पर मोदी सरकार ने गलत रिपोर्टिंग का आरोप लगाते हुए बैन कर दिया था। जिसके बाद मोदी सरकार की जमकर किरकिरी हुई। विपक्ष ने उन्हें इस फैसले के लिए आड़े हाथों लिया। जिसके बाद सरकार ने अपने फैसले को वापस ले लिया है। वे दो चैनल हैं एशियानेट न्यूज और मीडिया वन न्यूज।
Published: 07 Mar 2020, 11:12 AM IST
दरअसल, शुक्रवार को सूचना प्रसारण मंत्रालय ने यह प्रतिबंध दिल्ली हिंसा के दौरान एक तरफा रिपोर्टिंग करने और दिल्ली पुलिस और आरएसएस की आलोचना करने को लेकर लगाया गया था। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने आदेश जारी करते हुए कहा कि चैनल ने आरएसएस और दिल्ली पुलिस के कार्रवाई न करने को लेकर सवाल खड़े किए थे। जिससे लगता है कि वह आरएसएस और दिल्ली पुलिस के आलोचक हैं और अपना ध्यान सीएए समर्थकों की बर्बरता पर केंद्रित किया।
Published: 07 Mar 2020, 11:12 AM IST
इस फैसले के खिलाफ विपक्ष ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदबंरम ने इस कदम को असंवैधानिक करार दिया है।
Published: 07 Mar 2020, 11:12 AM IST
पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा, “सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय अभियोजक, जूरी और जज सभी भूमिकाएं निभाता है। यह न्याय का उपहास करना है। सभी मीडिया संस्थानों को इस कदम का सख्ती से विरोध करना चाहिए। सरकार को शट डाउन ऑर्डर को तुरंत रद्द करना चाहिए। दो टीवी चैनलों के खिलाफ शट डाउन ऑर्डर प्रेस की स्वतंत्रता में असंवैधानिक दखल है।”
Published: 07 Mar 2020, 11:12 AM IST
इससे पहले केंद्र के कदम की आलोचना करते हुए सीपीआई के राज्य सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने आरोप लगाया कि यह मीडिया पर नियंत्रण करने का प्रयास है। कांग्रेस के नेता रमेश चेन्निथला ने इसे प्रेस की आजादी के खिलाफ और असंवैधानिक बताया।
Published: 07 Mar 2020, 11:12 AM IST
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Published: 07 Mar 2020, 11:12 AM IST