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'मोदी सरकार अरबपतियों पर मेहरबान, हजारों करोड़ का कर्ज किया माफ, आम जनता का क्या?' केजरीवाल ने PM को लिखा पत्र

केजरीवाल ने कहा कि चिट्ठी में मैंने प्रधानमंत्री जी से निवेदन किया है कि केंद्र सरकार सरकारी खजाने को खुलेआम देश के कुछ चंद अमीर अरबपतियों पर ऊपर लुटा रही है। सारा सरकारी खजाना जनता पर खर्च करने की बजाय कुछ चंद अरबपति दोस्तों पर लुटाया जा रहा है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया pnp

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है जिसके माध्यम से उन्होंने यह बताया है कि केंद्र सरकार मिडिल क्लास के लोगों का साथ न देकर अरबपतियों के हजारों करोड़ के कर्ज को माफ कर रही है और सरकारी खजाने को खाली कर रही है।

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केजरीवाल ने कहा कि मैंने आज प्रधानमंत्री जी को एक बहुत अहम मुद्दे पर चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में मैंने प्रधानमंत्री जी से निवेदन किया है कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार सरकारी खजाने को खुलेआम देश के कुछ चंद अमीर अरबपतियों पर ऊपर लुटा रही है। सारा सरकारी खजाना जनता पर खर्च करने की बजाय कुछ चंद अरबपति दोस्तों पर लुटाया जा रहा है। इसका तरीका यह है कि जिस भी अरबपति दोस्त पर मेहरबान होना होता है, पहले उसको सरकार से कर्ज दे देते हैं और तीन-चार साल के बाद उसे कर्ज माफ कर देते हैं। एक तरह से सरकारी खजाने का सारा पैसा उस अमीर अरबपति के खजाने में चला जाता है।

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अरविंद केजरीवाल ने ये आरोप लगाया कि पिछले 5 साल में केंद्र सरकार ने 400 से 500 ऐसे अरबपतियों को उनके 10 लाख करोड़ रुपये का दिया गया कर्ज माफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां मिडिल क्लास का आदमी दिन-ब-दिन की जिंदगी में महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहा है, दूसरी तरफ केंद्र का सारा सरकारी खजाना 400 से 500 अरबपतियों के लिए खोल दिया गया है।

उन्होंने कहा कि थोड़े दिन पहले अखबारों में आया कि एक व्यक्ति पर 47,000 करोड़ रुपये के कर्ज में से 46,000 करोड़ रुपये माफ कर दिए। ऐसे ही एक अरबपति पर 6.50 हजार करोड़ का कर्ज था, उसमें से 5,000 करोड़ रुपये माफ कर दिए। आप सोच सकते हो, जैसे दिल्ली में मैंने महिलाओं की बस यात्रा फ्री कराई तो उस पर केवल 400 करोड़ रुपये खर्च हुए और उन्होंने एक ही आदमी पर 46,000 करोड़ रुपये खर्च कर दिए।

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केजरीवाल ने कहा कि एक आदमी जो साल में 12 लाख रुपये कमाता है, उस पर केंद्र सरकार इतने टैक्स लगा देती है, जिसमें वह इनकम टैक्स देता है, जीएसटी देता है, सर्विस टैक्स देता है, प्रॉपर्टी टैक्स देता है, एजुकेशन टैक्स देता है, कैपिटल गेन टैक्स देता है, रोड टैक्स देता है। यह सारे टैक्स अगर एक साथ जोड़े जाएं तो साल में 12 लाख इनकम कमाने वाला आदमी कम से कम 6 लाख अपनी आधी आमदनी सरकार को टैक्स के रूप में दे देता है। और बदले में उसे क्या मिलता है, कुछ नहीं मिलता।

अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी से दो मांग की हैं। जिसमें इस देश के अंदर किसी भी अमीर अरबपति के कर्ज माफ नहीं किए जाएं। इस पर कानून बनाया जाए। उन्होंने कहा कि अगर कर्ज माफ करना है तो मिडिल क्लास का करो। एक मिडिल क्लास वाला अगर एक लाख रुपया महीना कमाता है, तो उसके 60 से 70 हजार रुपये ईएमआई में चले जाते हैं। उसने होम लोन ले रखा है, व्हीकल लोन ले रखा है, अगर करना है तो उसका कर्ज माफ कर दो। सबके होम लोन माफ कर दो, सबके व्हीकल लोन माफ कर दो।

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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने हिसाब लगाया कि अगर अरबपतियों को पैसा देना बंद कर दिया जाए, उनका कर्ज माफ करना बंद कर दिया तो देश के अंदर इनकम टैक्स की दर हाफ की जा सकती है। इनकम स्लैब डबल की जा सकती है। जीएसटी माफ किया जा सकता है। एसेंशियल कमोडिटीज, जिनमें खाने-पीने की चीजें हैं, उन पर जीएसटी पूरा माफ किया जा सकता है। इसके लिए पहले अमीरों के कर्ज माफ करना बंद करो। उन्होंने कहा कि अगर कर्ज माफ करना बंद हो जाता है तो जितने जीएसटी और इनकम टैक्स हैं, उन्हें आधा किया जा सकता है। टैक्सेबल इनकम की लिमिट डबल की जा सकती है और एसेंशियल कमोडिटीज के ऊपर से जीएसटी हटाई जा सकती है।

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