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केरल के पलक्कड़ में प्रकृति का प्रहार! पराबैंगनी किरणों के उच्च स्तर के बाद ‘रेड अलर्ट’

केएसडीएमए ने जनता को पर्याप्त सुरक्षा सावधानी बरतने की चेतावनी दी है, क्योंकि पराबैंगनी किरणों के लम्बे समय तक संपर्क में रहने से त्वचा रोग, नेत्र रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर 

केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने राज्य के पलक्कड़ जिले में पराबैंगनी (यूवी) विकिरण के उच्च स्तर का पता लगने के बाद बृहस्पतिवार को जिले में ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है।

बृहस्पतिवार को यहां एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि जिले में पराबैंगनी विकिरण का स्तर 11 के सूचकांक पर दर्ज किया गया है, जिसे पलक्कड़ और मलप्पुरम जिलों के लिए थ्रीथला और पोन्नानी में स्थापित यूवी मीटरों के माध्यम से मापा गया है।

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केएसडीएमए ने जनता को पर्याप्त सुरक्षा सावधानी बरतने की चेतावनी दी है, क्योंकि पराबैंगनी किरणों के लम्बे समय तक संपर्क में रहने से त्वचा रोग, नेत्र रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

उसने कहा कि जिले में सबसे अधिक यूवी सूचकांक सुबह 10 बजे से अपराह्न 3 बजे के बीच दर्ज किया जाता है। इन घंटों के दौरान शरीर पर सीधे सूर्य की रोशनी के लंबे समय तक संपर्क से जितना संभव हो सके बचना चाहिए।

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इसमें कहा गया है कि बाहरी कार्यों में लगे लोगों, समुद्र में मछली पकड़ने के काम में लगे मछुआरों, जल परिवहन में लगे लोगों, बाइक सवारों, पर्यटकों, त्वचा रोगियों, नेत्र रोगियों, कैंसर रोगियों, तथा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले अन्य समूहों को विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए।

लोगों को पूरे शरीर को ढकने वाले सूती कपड़े पहनने और दिन में बाहर निकलते समय टोपी, छाता तथा चश्मे का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।

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अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में आम तौर पर उच्च यूवी सूचकांक होते हैं। इन जगहों पर साफ और बादल रहित आसमान के साथ भी यूवी सूचकांक उच्च हो सकता है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि यूवी किरणों को परावर्तित करने वाली पानी और रेत जैसी सतहों में यूवी सूचकांक उच्च हो सकता है।

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