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उत्तर प्रदेश: योगी की ‘ठांय-ठांय’ पुलिस का नया कारनामा, बदायूं में राहगीरों की गनपॉइंट पर ली तलाशी

बदायूं पुलिस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस वाले गनपॉइंट पर राहगीरों को रोककर उनकी तलाशी ले रहे हैं। मामले के तूल पकड़ने पर जिले के एसएसपी ने अपने मातहत अधिकारियों के इस कदम का बचाव करते हुए इसे सही करार दिया है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में एनकाउंटर के दौरान अपराधियों को मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकालकर डराने वाली यूपी पुलिस का नया कारनामा सामने आया है। दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में यूपी पुलिस गनपॉइंट पर राहगीरों की सामान्य तलाशी लेती नजर आ रही है। मामला बदायूं जिले का है। वीडियो भी बदायूं पुलिस द्वारा बनाया गया बताया जा रहा है। बदायूं पुलिस का कहना है कि इस तरह से चेकिंग आला अधिकारियों के आदेश पर की गई है।

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सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिसकर्मी बाइक सवारों को गनपॉइंट पर रोककर उनकी तलाशी ले रहे हैं। पूरी तलाशी के दौरान चारों ओर से पुलिस वाले व्यक्ति पर बंदूक ताने नजर आ रहे हैं। इस दौरान पुलिस वाले राहगीरों को चेतावनी देते हुए भी सुने जा सकते हैं। वह बाइक सवारों से कह रहे हैं कि “अपने हाथ ऊपर करो और हिलना नहीं। अगर बात नहीं मानी तो गोली लग जाएगी।”

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सोशल मीडिया पर मामले के तूल पकड़ने पर बदायूं के एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी ने सफाई देते हुए पुलिस के तरीके को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि गनपॉइंट पर किसी संदिग्‍ध की तलाशी लेना पुलिस ट्रेनिंग का हिस्‍सा है। त्रिपाठी ने साथ ही कहा कि पूर्व में कई घटनाओं में तलाशी के दौरान खुद को घिरा देखकर अपराधियों ने पुलिस पर अचानक फायरिंग कर दी है। इसलिए पुलिस ने एहतेयात के तौर कदम उठाया है।

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अब जरा सोचिए आप दिन के उजाले में अपनी बाइक से कहीं जा रहे हों और अचानक आपके सामने पांच-छह पुलिस वाले बंदूक ताने आ जाएं और आपको रोकर हाथ ऊपर करने के लिए कहें। फिर गनपॉइंट पर ही आपकी जामातलाशी ली जाए और इसी हालत में आपसे आने-जाने के बारे में सवाल भी किया जाए, तो किसी की क्या हालत होगी। कोई दिल का मरीज हो या किसी तरह के सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाने वाले हो. तो ऐसी हालत में उसका क्या होगा। लेकिन इस तरह के मामलों पर पुलिस वालों पर कार्रवाई करने के बजाय जिले के पुलिस कप्तान इसे सही ठहराने में लगे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि इश मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ कोई संज्ञान लेते हैं या नहीं।

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