जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने टेरर फंडिंग मामले में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी से जुड़े 10 लोगों से पूछताछ की है। एनआईए की ये पूछताछ जम्मू-कश्मीर में 8 अगस्त को जेईआई से संबंधित 56 जगहों पर हुई छापेमारी के बाद की गई है। खबर है कि कुल मिलाकर, जमात-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े 10 व्यक्तियों से पिछले एक सप्ताह के दौरान दिल्ली में फंड के स्रोत, उसके उपयोग, भारत में उसके प्रमुख लोगों और पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में पूछताछ की गई है। इनमें से अधिकांश संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी हैं।
एजेंसी के अनुसार, जेईआई ने भारत और विदेशों से चैरिटी के लिए फंड जुटाया, लेकिन इसका इस्तेमाल हिंसा और अलगाववादी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए किया गया। अगस्त में छापेमारी के बाद जारी एक बयान में, एनआईए ने कहा कि समूह द्वारा जुटाए गए धन का इस्तेमाल ‘हिज्बुल मुजाहिदीन (एचएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और अन्य प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के साथ-साथ JeI कैडरों के संगठित नेटवर्क के लिए भी किया जा रहा है।’
आपको बता दें, जमात-ए-इस्लामी संगठन 1941 में अस्तित्व में आया, जिसका नेतृत्व मौलाना अबुल अल्ला मदूदी ने किया और इसका मुख्यालय लाहौर में था। विभाजन के बाद, JeI हिंदी ने खुद को संगठन से अलग करके एक स्वतंत्र संगठन के रूप में स्थापित किया और उत्तर प्रदेश के रामपुर में अपना मुख्यालय बनाया। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में जेईआई साल 1945 में पहुंचा और जम्मू-कश्मीर के भारत में शामिल होने के बाद इस संगठन ने पाकिस्तान के जेईआई के इशारों पर काम करना शुरू किया।
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