राष्ट्रीय जनता दल के सांसद सुधाकर सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह (नीतीश) “चिकित्सकीय रूप से तो जिंदा हैं”, लेकिन “दिमागी रूप से मृत हो चुके हैं।”
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सुधाकर सिंह ने कहा कि नीतीश को बिहार की जनता पर थोपना उसका (जनता का) अपमान होगा। उन्होंने बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में महागठबंधन को दो-तिहाई बहुमत हासिल होने का भरोसा जताया।
सिंह ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए आधार को एक दस्तावेज के रूप में शामिल करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि यह निर्देश हाशिये पर पड़े वर्गों के लिए एक बड़ी जीत है, जिन पर मतदाताओं से भारतीय नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज जमा करने के लिए कहने वाली एसआईआर प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था।
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बक्सर से लोकसभा सदस्य सिंह ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर कहा कि नीतीश “दिमागी रूप से मृत” हो चुके हैं। उन्होंने कहा, “लोग अगली पीढ़ी के नेतृत्व के लिए तेजस्वी यादव के पक्ष में वोट देंगे। महागठबंधन दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगा।”
सिंह ने कहा, “अगर आप महागठबंधन के प्रदर्शन पर गौर फरमाएं, तो 2020 के बिहार विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से तमाम जोड़-तोड़ के बावजूद हम उनसे केवल 12,000 वोट से पीछे थे। हम एक सीट पर 12 वोट से हार गए थे। कुछ अन्य सीटों पर हम 250 या 500 वोटों से पराजित हुए थे।”
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उन्होंने कहा, “लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों में हमने अपने प्रदर्शन में सुधार किया। पहले बिहार से आरजेडी का महज एक लोकसभा सदस्य था, अब हमारे पास 10 सांसद हैं।” सिंह ने नीतीश पर कटाक्ष किया, जो हाल ही में अपने अजीब व्यवहार के कारण चर्चा में रहे हैं, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर बहस छिड़ गई है।
उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री मानसिक तौर पर अस्वस्थ हैं और बिहार की जनता इससे वाकिफ है। आरजेडी सांसद ने कहा कि राजग को नीतीश की जांच के लिए चिकित्सकों का एक पैनल नियुक्त करना चाहिए।
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उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार चिकित्सकीय और जैविक रूप से जिंदा हैं, लेकिन दिमागी रूप से मृत हो चुके हैं। वह ‘ब्रेन-डेड’ व्यक्ति हैं। क्या बिहार के 13 करोड़ लोग एक ‘ब्रेन-डेड’ मुख्यमंत्री के नेतृत्व में रहेंगे? जो लोग ऐसा कहते हैं, वे बिहार को एक उपनिवेश के रूप में देखना चाहते हैं।”
सिंह ने कहा, “अगर एनडीए में थोड़ी भी नैतिकता है, तो उसे एम्स के चिकित्सकों का तीन सदस्यीय पैनल बनाना चाहिए, (नीतीश की) स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए और रिपोर्ट जारी करनी चाहिए।”
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नीतीश हाल-फिलहाल में अपने व्यवहार को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। मई में पटना में एक समारोह में उन्होंने एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से एक गमला स्वीकार किया और फिर उसे उनके सिर पर रख दिया। वहीं, मार्च में एक कार्यक्रम में राष्ट्रगान के दौरान अनुचित व्यवहार के लिए नीतीश की काफी आलोचना हुई थी।
सिंह ने कहा, “सत्ता में बने रहने की कोशिश करना कोई बुरी बात नहीं है। लेकिन इसके लिए दिमागी रूप से मृत एक मुख्यमंत्री को थोपना बिहार के 13 करोड़ लोगों का अपमान है और यह दर्शाता है कि आप (राजग) बिहार को एक उपनिवेश के रूप में देख रहे हैं।”
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