दिल्ली के निजामुद्दीन में 13 मार्च से 15 मार्च तक लगभग 2000 लोगों की धार्मिक बैठक तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों की जानकारी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के 18 जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इस जमात में हिस्सा लेने वाले तेलंगाना के 6 लोगों की मौत हो गई। उन सभी का कोरोना वायरस परीक्षण पॉजिटिव निकला था।
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निजामुद्दीन स्थित मरकज बिल्डिंग में मौजूद 24 लोग पॉजिटिव निकले हैं। यह जानकारी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने दी। बताया जा रहा है कि यहां तब्लीगी जमात के मरकज में 1 से 15 मार्च तक 5 हजार से ज्यादा लोग आए थे। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड के लोग भी शामिल थे। 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी यहां 2 हजार लोग ठहरे हुए थे। इनमें से 200 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका है।
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एसपी क्राइम अजय शंकर राय के अनुसार, हाई अलर्ट पर रखे गए इन जिलों के पुलिस प्रमुखों को दिल्ली में बैठक में भाग लेने वालों की पहचान करने और उनकी मेडिकल जांच करवाने के लिए कहा गया है। साथ ही उन्हें मंगलवार शाम तक रिपोर्ट सौंपने के लिए भी कहा गया है।
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इसके चलते गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़, बिजनौर, बागपत, वाराणसी, भदोही, मथुरा, आगरा, सीतापुर, बाराबंकी, प्रयागराज, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर जिलों में खासी सतर्कता बरती जा रही है। राज्य सरकार को तब्लीगी जमात में भाग लेने वालों की एक सूची मिली है। इस बैठक में भाग लेने वाले लगभग 250 सदस्यों में कोरोना वायरस के प्रारंभिक लक्षण दिखे हैं।
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पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और उन लोगों पर नजर रख रहे हैं जो इस जमात में शामिल हुए थे। हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं कि इसके कारण कोरोना के मामलों में कोई तेजी न आए।”
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गौरतलब है कि निजामुद्दीन मरकज में देश-विदेश के हजारों लोग आते हैं, यहां रुक कर धार्मिक जलसे में हिस्सा लेते हैं। इस जलसे में देश के कई राज्यों के लोग शामिल हुए थे। बड़ी तादाद तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के लोगों की थी। पता चला है कि इसमें उत्तर प्रदेश के 100 लोग शामिल हुए थे और इन सबकी पहचान हो चुकी है। उत्तर प्रदेश पुलिस के सूत्रों के मुताबिक इन सभी को दिल्ली के ही अलग-अलग अस्पतालों में आइसोलेशन में रखा गया है। इसके अलावा इनलोगों को परिवारों से भी संपर्क की कोशिश की जा रही है। लेकिन सवाल उठ रहा है कि जब पूरे देश में कोरोना वायरस का खतरा था और धारा 144 भी लागू हो चुकी थी, तो फिर निजामुद्दीन थाने से चंद कदम की दूरी पर इस जलसे को कैसे होने दिया गया? तबलीगी जमात के धार्मिक जलसे को आखिर किसने अनुमति दी?
(आईएएनएस की इनपुट के साथ)
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