मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि राज्य की सरकारी नौकरी सिर्फ स्थानीय बच्चों को ही दी जाएगी, इसके लिए राज्य सरकार आवश्यक कदम उठाने वाली है। मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला किया है कि मध्य प्रदश की शासकीय नौकरियां अब सिर्फ राज्य के बच्चों को ही दी जाएगी। इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं।
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इस ऐलान पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, “हमने युवा स्वाभिमान योजना लागू कर युवाओं को रोजगार मिले, इसके लिये कई महत्वपूर्ण निर्णय किये। आपकी 15 साल की सरकार में प्रदेश में बेरोज़गारी की क्या स्थिति रही, यह किसी से छिपी नहीं। युवा हाथो में डिग्री लेकर नौकरी के लिये दर-दर भटकते रहे।”
कमलनाथ ने आगे कहा, “क्लर्क और चपरासी की नौकरी तक के लिये हजारों डिग्री धारी लाइनों में लगते रहे। मज़दूरों और गरीबों के आंकड़े इसकी वास्तविकता खुद बयां कर रहे हैं। अपनी पिछली 15 वर्ष की सरकार में कितने युवाओं को आपकी सरकार ने रोजगार दिया, यह भी पहले आपको सामने लाना चाहिए।”
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कमलनाथ ने कहा, “चलिए आप 15 वर्ष बाद आज युवाओं के रोजगार को लेकर नींद से जागे, आज आपने प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता से नौकरी देने के हमारे निर्णय के अनुरूप ही घोषणा की लेकिन यह पूर्व की तरह ही सिर्फ घोषणा बन कर ही ना रह जाये।”
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वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि मध्य प्रदेश में जो “0” नौकरी है, वो पूरी मध्य प्रदेश के युवाओं को दी जायेगी।
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वहीं शिवराज सिंह के इस फैसले को लेकर कई लोगों ने आलोचना की है। पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने कहा कि एमपी में सरकारी नौकरियों को स्थानीय लोगों के लिए ’आरक्षित’ किया गया है। अनुमान लगाएं कि 60 के दशक में शिवसेना ने जो सोचा था, उसे अब 21 वीं सदी में बीजेपी मध्य सेना द्वारा धकेल दिया जाएगा।
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वहीं पत्रकार अजीत अंजुम ने कहा कि मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियां अब केवल एमपी के लोगों को दी जाएगी। शिवराज सिंह चौहान के इस फैसले से आप लोग सहमत हैं ? अगर ऐसे ही बाकी सभी राज्यों में होने लगे तो?
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वहीं सोशल मीडिया पर भी शिवराज के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। एक ने कहा कि मध्य प्रदेश वाले भी बाहर नौकरी करना छोड़ देंगे?
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