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अब टाइम ऑफ डे प्रणाली से बिजली बिल वसूली की तैयारी, पीक घंटों में 20 फीसदी तक अधिक शुल्क लगेगा, दिन में होगा कम

विद्युत मंत्रालय के मुताबिक टीओडी टैरिफ 10 किलोवाट और उससे अधिक की अधिकतम मांग वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 1 अप्रैल, 2024 से और कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर अन्य सभी उपभोक्ताओं के लिए 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगा।

अब टाइम ऑफ डे प्रणाली से बिजली बिल वसूली की तैयारी
अब टाइम ऑफ डे प्रणाली से बिजली बिल वसूली की तैयारी फोटोः IANS

टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ प्रणाली के तहत, सौर घंटों (राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्दिष्ट एक दिन में आठ घंटे की अवधि) के दौरान बिजली का टैरिफ, सामान्य टैरिफ से 10 से 20 प्रतिशत कम होगा। जबकि, पीक घंटों के दौरान टैरिफ 10 से 20 प्रतिशत अधिक होगा। विद्युत मंत्रालय के मुताबिक टीओडी टैरिफ 10 किलोवाट और उससे अधिक की अधिकतम मांग वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 1 अप्रैल, 2024 से और कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर अन्य सभी उपभोक्ताओं के लिए 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगा। स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए टाइम ऑफ डे टैरिफ स्मार्ट मीटर लगने के तुरंत बाद प्रभावी कर दिया जाएगा।

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केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि टीओडी उपभोक्ताओं के साथ-साथ बिजली प्रणाली के लिए भी फायदे का सौदा है। टीओडी टैरिफ में पीक आवर्स, सोलर आवर्स और सामान्य घंटों के लिए अलग-अलग टैरिफ शामिल है। उपभोक्ताओं को टैरिफ के अनुसार अपने लोड का प्रबंधन करने के लिए मूल्य संकेत भेजा जा सकता है। टीओडी टैरिफ तंत्र के बारे में जागरूकता और प्रभावी उपयोग से उपभोक्ता अपने बिजली बिल को कम कर सकते हैं।

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चूंकि, सौर ऊर्जा सस्ती है, सौर ऊर्जा घंटों के दौरान टैरिफ कम होगा, इसलिए उपभोक्ता को लाभ होगा। गैर-सौर घंटों के दौरान थर्मल और जल विद्युत के साथ-साथ गैस आधारित क्षमता का उपयोग किया जाता है- उनकी लागत सौर ऊर्जा की तुलना में अधिक होती है - यह दिन के समय के टैरिफ में दिखाई देगी। अब उपभोक्ता अपनी बिजली लागत को कम करने के लिए अपने उपभोग की योजना बना सकते हैं। बिजली की लागत कम होने पर सौर घंटों के दौरान अधिक गतिविधियों की योजना बना सकते हैं।

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टीओडी तंत्र नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का बेहतर ग्रिड एकीकरण भी सुनिश्चित करेगा, जिससे भारत के लिए तेजी से ऊर्जा परिवर्तन की सुविधा मिलेगी। आरके सिंह ने कहा कि टीओडी टैरिफ नवीकरणीय उत्पादन के उतार-चढ़ाव के प्रबंधन में सुधार करेगा, उच्च आरई उत्पादन घंटों की अवधि के दौरान मांग में वृद्धि को प्रोत्साहित करेगा और इस तरह बड़ी मात्रा में नवीकरणीय ऊर्जा के ग्रिड एकीकरण को बढ़ाएगा। अधिकांश राज्य विद्युत नियामक आयोग (एसईआरसी) ने देश में बड़े वाणिज्यिक और औद्योगिक (सी एंड आई) श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए पहले ही टीओडी टैरिफ लागू कर दिया है। स्मार्ट मीटर की स्थापना के साथ, टैरिफ नीति के अनुसार घरेलू उपभोक्ता स्तर पर टीओडी मीटरिंग शुरू की जाएगी।

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टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ, बिजली उद्योगों में विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण डिमांड साइड मैनेजमेंट (डीएसएम) उपाय के रूप में मान्यता प्राप्त है, जिसका उपयोग उपभोक्ताओं को अपने लोड के एक हिस्से को पीक समय से ऑफ-पीक समय में स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित करने के साधन के रूप में किया जाता है। जिससे पीक अवधि के दौरान सिस्टम पर मांग को कम करके सिस्टम लोड फैक्टर में सुधार होता है। टीओडी टैरिफ (यानी टैरिफ नीति, 2016, विद्युत अधिनियम, 2003 और राष्ट्रीय विद्युत नीति, 2005) के कार्यान्वयन को सक्षम करने और बढ़ावा देने के लिए विभिन्न वैधानिक प्रावधान पहले से ही मौजूद हैं।

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सरकार ने स्मार्ट मीटरिंग के नियमों को भी आसान कर दिया है। उपभोक्ताओं को असुविधा-उत्पीड़न से बचने के लिए, उपभोक्ता की मांग में अधिकतम स्वीकृत भार या मांग से अधिक वृद्धि पर मौजूदा जुमार्ने को कम कर दिया गया है। मीटरिंग प्रावधान में संशोधन के अनुसार, स्मार्ट मीटर की स्थापना के बाद, स्थापना तिथि से पहले की अवधि के लिए स्मार्ट मीटर द्वारा दर्ज की गई अधिकतम मांग के आधार पर उपभोक्ता पर कोई दंडात्मक शुल्क नहीं लगाया जाएगा।

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