
कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने मंगलवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च आयोजित कर एंजल चकमा को न्याय दिलाने की मांग की। एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि बीजेपी-आरएसएस के बनाए नफरत के माहौल की वजह से चकमा की मौत हुई।
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एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि देहरादून में अपशब्द कहे जाने और “चीनी” पुकारे जाने का विरोध करने पर पूर्वोत्तर के निवासी छात्र चकमा पर बर्बरतापूर्वक हमला किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली उत्तराखंड की सरकार ने देरी से कार्रवाई की, जिसकी वजह से आरोपी कई दिन तक खुलेआम घूमते रहे और तब जाकर प्राथमिकी दर्ज की गई।
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वरुण चौधरी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “नफरत ने एंजल चकमा की हत्या और बीजेपी सरकार की चुप्पी ने न्याय का कत्ल कर दिया। 20 दिन तक बर्बरतापूर्ण हमले को दबाए रखना शासन नहीं, अपराध में भागीदारी है।” वरुण चौधरी ने मांग की कि एंजल चकमा को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए।
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भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने इस आरोप को दोहराते हुए दावा किया कि "मैं भारतीय हूं; मैं चीनी नहीं हूं" ये एंजल के आखिरी शब्द थे। उन्होंने कहा, "आज बीजेपी-आरएसएस देश में नफरत का जहर फैला रहे हैं। अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है और न्याय का दमन किया जा रहा है।"
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