संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है। हालांकि विपक्ष के हंगामे के चलते एक भी दिन सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल नहीं पाई है।
कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग को लेकर बुधवार को राज्यसभा में हंगामा किया जिसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत कुल 18 नोटिस मिले हैं। उन्होंने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए। जी सी चंद्रशेखर, रणदीप सिंह सूरजेवाला, सैयद नासिर हुसैन, नीरज डांगी और राजीव शुक्ला सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्यों ने अन्य प्राधिकरणों के साथ मिलीभगत से अदाणी समूह के कथित भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और वित्तीय अनियमितताओं सहित अन्य कदाचारों की जांच के लिए जेपीसी के गठन के लिए नोटिस दिए थे।
तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरूची शिवा, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पी संदोष कुमार ने मणिुपर में जारी हिंसा के मुद्दे पर जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जॉन ब्रिटास, माकपा के ए ए रहीम, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अब्दुल वहाब ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे।
सभापति धनखड़ ने कहा सभी नोटिस अस्वीकार करते हुए कहा कि वे इन मुद्दों पर अन्य प्रावधानों के तहत उठा सकते हैं। इसके तत्काल बाद कांग्रेस सहित विपक्ष के अन्य सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया। इससे पहले कि हंगामा और तेज होता धनखड़ ने 11 बजकर 11 बजे सदन की कार्यवाही 11 बजकर 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी। फिर दोबारा कार्यवाही शुर होने के बाद विपक्ष का हंगामा जारी रहा जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
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