भारत के खिलाफ घृणास्पद अभियानों को वित्त पोषित करने और उसे बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान अपने कूटनीतिक मिशनों, खासतौर से लंदन में स्थित मिशन का इस्तेमाल कर रहा है। शुरुआत में पाकिस्तानी सेना में सलाहकार के रूप में तैनात रह चुके एक कर्नल रैंक के अधिकारी की भूमिका प्रकाश में आई है। यह जानकारी भारतीय खुफिया एजेंसी की एक रपट से मिली है। इस कर्नल को ब्रिटेन, जर्मनी, नीदरलैंड और यूरोप के कुछ अन्य देशों से संचालित खालिस्तान समर्थक स्पिंटर समूहों को एकजुट करने की जिम्मेदारी दी गई है।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, इंटर-सर्विसिस इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए काम कर रहे इस कर्नल की सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) सहित खलिस्तानी समूहों को फंड मुहैया कराने में प्रमुख भूमिका है। एसएफजे का एक कार्यालय लंदन में है।
Published: undefined
भारत की आतंकवाद रोधी प्रमुख एजेंसी, एनआईए ने खालिस्तान समर्थक एक आतंकी किंगपिन गुरमीत सिंह बग्गा के जरिए भारतीय क्षेत्र के अंदर ड्रोन के जरिए हथियार गिराने की कई घटनाओं को अंजाम दिलाने में आईएसआई की भूमिका पाई है। रपटों में कहा गया है कि जर्मनी के हैम्बर्ग स्थित बग्गा का ब्रिटेन और अमेरिका से अपने अभियान चला रहे खालिस्तानी आतंकियों से संबंध है। इसमें एसएफजे का गुरपटवंत सिंह पन्नू भी शामिल है।
यह कर्नल पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात पाकिस्तानी नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अधीन काम करता है, और यह लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग कार्यालय के सामने कई भारत विरोधी प्रदर्शन आयोजित कराने में एक प्रमुख व्यक्ति रहा है।
Published: undefined
आईएसआई समर्थित खालिस्तानी समूहों ने मार्च 2019 में लंदन में बुश हाउस के पास भारतीय उच्चायोग के बाहर कई भारतीयों पर हमले किए थे। बाद में पता चला कि एसएफजे ने आईएसआई और पाकिस्तानी उच्चायोग समर्थित ओवरसीज पाकिस्तानी वेलफेयर काउंसिल की मदद से हमला करवाया था। पन्नू और उसके करीबी सहयोगी लाउंडेस स्क्वे यर पर स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में बार-बार आते रहते हैं।
खुफिया रपटों के अनुसार, इस कार्यालय में पिछले एक साल के दौरान एसएफजे के पदाधिकारियों और कर्नल रैंक के अधिकारी के बीच हुई कई बैठकें भारत विरोधी अभिान 'रेफ्रेंडम 2020' से संबंधित थीं, जिनका मकसद अमेरिका, कनाडा और यूरोप में मौजूद सिख प्रवासियों का समर्थन हासिल करना था। हालांकि खालिस्तान आंदोलन को फिर भड़काने की आईएसआई की साजिश को दुनिया भर के सिखों का समर्थन नहीं मिल पाया है।
Published: undefined
पाकिस्तान द्वारा अपने कूटनीतिक मिशन के दुरुपयोग का यह कोई पहला मामला सामने नहीं आया है। आईएसआई नेपाल, बांग्लादेश और कुछ मध्यपूर्व के देशों में स्थित अपने कूटनीतिक मिशनों का दुरुपयोग नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी सहित भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए करती रही है।
पिछले साल काठमांडू में नकली भारतीय मुद्रा के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ था, जिसमें तीन पाकिस्तानी नागरिक गिरफ्तार किए गए थे। उनके नेपाल स्थित पाकिस्तानी दूतावास से तार जुड़े हुए थे। बांग्लादेश में कुछ वर्ष पहले पाकिस्तानी उच्चायोग की दूसरी सचिव फरीना अरशद के एक आंतकी संगठन के साथ संबंध उजागर होने के बाद उन्हें निष्कासित कर दिया गया था। रपटों में कहा गया था कि आईएसआई के लिए काम कर रहीं अरशद भारत में नकली भारतीय मुद्रा को पहुंचाने में संलिप्त रहे तस्कर गिरोहों को पनाह देने में संलिप्त थीं।
Published: undefined
भरतीय खुफिया एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि सीमा मुद्दे को लेकर भारत-चीन के बीच बढ़ रहे तनाव के मद्देनजर आईएसआई भारत विरोधी अभियानों को बढ़ावा देने के लिए खालिस्तानी संगठनों की बढ़चढ़ कर मदद कर रही है। आईएसआई ने रेफ्रेंडम 2020 से संबंधित गतिविधियों को मदद पहुंचाने के लिए कराची में एसएफजे के लिए एक कार्यालय भी स्थापित किया है। भारत सरकार ने भारत विरोधी घृणा अभियान और भारत में आतंकी हमलों में संलिप्त लोगों को पनाह देने के लिए एसएफजे को प्रतिबंधित कर दिया है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined