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गुजरांवाला में भारतीय ड्रोन गिराने का दावा निकला फर्जी, फैक्ट चेक में ऐसे बेनकाब हुआ पाकिस्तान

भारत के सफल आतंकवाद विरोधी हमलों के मद्देनजर, पाकिस्तान सरकार से जुड़े कई मीडिया आउटलेट और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ऑपरेशन से जुड़े तथ्यों को विकृत करने के स्पष्ट प्रयास में भ्रामक और मनगढ़ंत कंटेंट प्रसारित करते हुए बेनकाब किया गया है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

पाकिस्तान द्वारा भारतीय ड्रोन को गुजरांवाला में गिराने का दावा पूरी तरह से झूठा साबित हुआ है। प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) फैक्ट चेक ने इस दावे को खारिज करते हुए खुलासा किया कि पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल्स द्वारा शेयर की जा रही तस्वीर 2022 की यूक्रेन-रूस युद्ध की है।

पाकिस्तानी अकाउंट्स ने दावा किया था कि पाक सेना ने गुजरात के डिंगा गांव झंड पीर के पास एक भारतीय मानव रहित विमान (यूएवी) को गिरा दिया। हालांकि, पीआईबी ने अपनी जांच में पाया कि यह तस्वीर पुरानी है और इसका भारत-पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं है। पीआईबी ने एक न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए इसकी पुष्टि की, जिसमें यह तस्वीर 2022 में यूक्रेन-रूस संघर्ष के दौरान प्रकाशित हुई थी।

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पीआईबी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्स पोस्ट पर लिखा, "क्या यह भारतीय ड्रोन वास्तव में पाकिस्तान में इंटरसेप्ट किया गया? पाकिस्तान आधारित सोशल मीडिया हैंडल्स एक पुरानी तस्वीर साझा कर रहे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि पाकिस्तान सेना ने गुजरांवाला, पाकिस्तान में एक यूएवी ड्रोन को इंटरसेप्ट किया है। वायरल हो रही तस्वीर वर्ष 2022 के यूक्रेन-रूस संघर्ष से संबंधित है।"

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पीआईबी ने 2022 की एक समाचार रिपोर्ट का लिंक भी पोस्ट में दिया है जो स्पष्ट करती है कि ये तस्वीर यूक्रेन-रूस युद्ध से संबंधित है, न कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष से।

ज्ञात हो कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत के सफल आतंकवाद विरोधी हमलों के मद्देनजर, पाकिस्तान सरकार से जुड़े कई मीडिया आउटलेट और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ऑपरेशन से जुड़े तथ्यों को विकृत करने के स्पष्ट प्रयास में भ्रामक और मनगढ़ंत कंटेंट प्रसारित करते हुए बेनकाब किया गया है। बुधवार को, भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें काफी लोग हताहत हुए।

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यह ऑपरेशन सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई का एक महत्वपूर्ण क्षण था। हमलों के बाद, पाकिस्तान की ओर से सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की बाढ़ सी आ गई। इसमें पाकिस्तानी मीडिया हाउस और संबद्ध हैंडल शामिल रहे, जिन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर असत्यापित और झूठी कहानियां गढ़ीं। ऐसे ही एक झूठे दावे में बताया गया कि पाकिस्तान ने अमृतसर में एक भारतीय सैन्य अड्डे पर बमबारी की थी। पीआईबी के फैक्ट जांच प्रभाग ने इस गलत सूचना को तुरंत संबोधित किया और अपील की कि असत्यापित जानकारी साझा करने से बचें और सटीक जानकारी के लिए केवल भारत सरकार के आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें। शेयर किया जा रहा वीडियो 2024 में जंगल की आग का है।

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वहीं, सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी नागरिक का भी वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें उसने पाकिस्तानी सेना की रक्षा प्रणाली में बड़ी खामियों और किसी भी हमले को विफल करने की तैयारी के बारे में खुलकर बात की है। वीडियो में पाकिस्तानी नागरिक कह रहा है कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 24 मिसाइल हमले किए और हैरानी की बात है सारे टारगेट पर जाकर लगे। इंडिया ने अपना टारगेट हासिल कर लिया और हम एक भी मिसाइल को रोक नहीं सके। भारत की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में रातभर अफवाहों का दौर चलता रहा कि हमने भारत के विमान गिरा दिए। कई तस्वीरें वायरल होने लगीं, लेकिन मैंने खुद चेक किया तो पता चला कि सभी फोटो कई महीने पुराने हैं। अंत में हमारी ओर से भारतीय विमानों को गिराने के दावे फेक न्यूज ही साबित हुए।

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गलत सूचनाओं की बाढ़ के जवाब में, भारत सरकार ने जनता और प्रेस से आधिकारिक स्रोतों से सत्यापित अपडेट पर विशेष रूप से भरोसा करने का आह्वान दोहराया। अधिकारियों ने असत्यापित या फर्जी खबरों के प्रसार के खतरों के प्रति सचेत रहने की अपील की है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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