उत्तर प्रदेश के आगरा के पारस अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के मॉक ड्रिल के दौरान 22 मरीजों की मौत का वीडियो वायरल होने के बाद जागे प्रशासन ने अस्पताल को सील कर दिया है। अस्पताल को सील करने के साथ ही संचालक के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करने के आदेश दे दिए गए हैं। फिलहाल, हॉस्पिटल में 55 मरीज भर्ती हैं, जिन्हें दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कराने की कार्रवाई जारी है। मौके पर सीएमओ आगरा को बुला लिया गया है।
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इससे पहले वायरल वीडियो से मामले के तूल पकड़ने के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर करीब 2 घंटे तक प्रशासन की टीम ने अस्पताल में जांच की, जिसके बाद जिलाधिकारी ने अस्पताल को सील करने के आदेश दे दिए। वहीं, अस्पताल के संचालक डॉ अरिंजय जैन के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज होगा। यह केस उनके द्वारा वायरल वीडियो में मोदीनगर में ऑक्सीजन खत्म होने की भ्रामक सूचना के कारण दर्ज किया जाएगा।
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इस पूरी घटना पर आगरा से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मचा हुआ है। घटना के तूल पकड़ने के बाद नींद से जागी योगी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने भी इन आरोपों की जांच के आदेश दे दिए। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा, "अगर आरोपों में कोई सच्चाई पाई जाती है तो अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।" यह पूछे जाने पर कि क्या इस तरह की मॉकड्रिल चिकित्सा प्रणाली का हिस्सा है, मंत्री ने कहा कि इस तरह का अभ्यास केवल अग्निशमन प्रणाली की जांच के लिए किया जाता है, न कि मरीजों की देखभाल में।
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बता दें कि आगरा के पारस अस्पताल के मालिक डॉ. अरिंजय जैन का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें डॉक्टर को ये कहते हुए सुना जा रहा है कि 26 अप्रैल को अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई थी। इस वजह से 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी गई, जिससे 22 मरीजों की मौत हो गई। इस वीडियो के सामने आने के बाद आगरा से लखनऊ और लखनऊ से दिल्ली तक हड़कंप मच गया है।
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