देश में चारों तरफ महंगाई से हाहाकार मचा हुआ है। लेकिन इसके बावजूद संसद में सरकार महंगाई पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है। संसद को दिन पहले ही स्थगित कर दिया गया है। जबकि विपक्ष लगातार संसद में महंगाई पर चर्चा की मांग करता रहा। संसद स्थगित होने से पहले आज भी विपक्ष सरकार पर ईंधन की बढ़ती कीमतों को हमलावर दिखा।
लोकसभा में टीएमसी के नेता सुदीप बंधोपाध्याय ने कहा कि पेट्रोल डीजल और डोमेस्टिक गैस के भाव जिस तरह से बढ़ रहे हैं। उसको लगाम देना चाहिए। संसद चालू है, लेकिन इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। इससे दुख की बात क्या हो सकता है। हम लोगों ने कई बार कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा कराई जाए, लेकिन वह तैयार नहीं हुए।
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उन्होंने आगे कहा कि मुझे डर है कि सारे विश्व में हमारे देश का जो पेट्रोल डीजल का भाव है, वह एक नंबर तक पहुंच गया है। सरकार के मंत्री आकर बयान भी नहीं देते हैं इससे दुख का विषय संसदीय गणतंत्र में कुछ नहीं हो सकता है।
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कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि संसद सत्र को दो दिन पहले स्थगित करने के बजाय, सरकार को ईंधन की कीमतों में वृद्धि और उपभोक्ता मुद्रास्फीति पर एक गंभीर बहस सुनने का साहस करना चाहिए था। यह स्पष्ट है कि भारत सरकार किसी भी कीमत पर कीमतों पर चर्चा नहीं करना चाहती है।
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जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "राज्यसभा 2 दिन पहले स्थगित हो गई, हालांकि विपक्ष डब्ल्यूएमडी और अंटार्कटिका विधेयकों को पारित करने के लिए तैयार था। अपनी राजनीतिक सुविधा के लिए, मोदी सरकार मूल्य वृद्धि, किसानों से किए गए वादों पर चर्चा से भाग गई, और श्रम मंत्री ने श्रम और (बे) रोजगार पर बहस का जवाब तक नहीं दिया!"
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