हालात

पेगासस कांडः सुप्रीम कोर्ट में फिर टली सुनवाई, केंद्र ने विस्तृत हलफनामे के लिए मांगा समय, 13 सितंबर की मिली तारीख

पेगासस जासूसी मामले पर केंद्र सरकार को मंगलवार सुप्रीम कोर्ट में हफनामा दायर करना था, लेकिन सरकार की ओर से इसे दायर नहीं किया गया। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि कुछ कारणों से हलफनामा अभी दाखिल नहीं हो पाया है।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकों की जासूसी करने के लिए पेगासस स्पाइवेयर के कथित दुरुपयोग की जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई अगले सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। केंद्र ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि वह इस मामले में एक विस्तृत हलफनामा दायर करेगा।

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने पिछले महीने याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया था, लेकिन तब यह स्पष्ट कर दिया था कि वह नहीं चाहती कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली किसी भी चीज का खुलासा करे। पीठ में सीजेआई के अलावा न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना भी शामिल थे। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि कुछ कठिनाइयों के कारण पीठ द्वारा मांगा गया हलफनामा दायर नहीं किया जा सका है।

Published: undefined

दरअसल पेगासस जासूसी मामले पर केंद्र सरकार को मंगलवार सुप्रीम कोर्ट में हफनामा दायर करना था, लेकिन सरकार की ओर से इसे दायर नहीं किया गया। केंद्र सरकार की ओर से पेश मेहता ने बताया कि कुछ कारणों से हलफनामा अभी दाखिल नहीं हो पाया है। मेहता ने शीर्ष अदालत से इस पर अपनी रिपोर्ट देने के लिए समय की मांग की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के लिए सुनवाई टाल दी। मामले की अगली सुनवाई अब 13 सिंतबर को होगी।

Published: undefined

मेहता ने शीर्ष अदालत से मामले को गुरुवार या सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। मेहता ने कहा कि हलफनामा दाखिल करने के मामले में कुछ परेशानी है। कुछ अधिकारी मिल नहीं पाए हैं और इस कारण हम अभी स्टैंड नहीं समझ पाए हैं, ऐसे में सुनवाई कुछ वक्त के लिए टाली जानी चाहिए। पीठ ने कहा कि केंद्र इस मामले में पहले ही एक छोटा हलफनामा दाखिल कर चुका है। मेहता ने जवाब दिया कि चूंकि शीर्ष अदालत ने मामले में नोटिस जारी किया था, इसलिए अधिक विस्तृत प्रतिक्रिया दायर की जाएगी।

Published: undefined

वरिष्ठ पत्रकार एन. राम का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें मेहता के अनुरोध पर कोई आपत्ति नहीं है। मामले में संक्षिप्त सुनवाई के बाद पीठ ने मामले को सोमवार को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया। इस मामले में करीब एक दर्जन याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया द्वारा दायर एक याचिका भी शामिल है, जिसमें पेगासस जासूसी के आरोपों की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।

Published: undefined

16 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से याचिकाकर्ताओं की दलीलों को संबोधित करते हुए एक विस्तृत हलफनामा पेश करने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि चाहे सरकार ने पेगासस को खरीदा या इसका इस्तेमाल किया, या इसका बिल्कुल भी उपयोग नहीं किया गया, इस संबंध में केंद्र को अपना जवाब दाखिल करना है। केंद्र ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि किसी भी गलत आख्यान को फैलाने के लिए, वह क्षेत्र के विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करेगा, जो इस मुद्दे के सभी पहलुओं पर गौर करेगी।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined