कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हिंसा भड़कने के दो साल से भी ज्यादा समय बाद मणिपुर दौरे को लेकर शनिवार को जोरदार हमला बोला और दावा किया कि हिंसा के 864 दिनों बाद महज कुछ घंटे के लिए प्रभावित राज्य में जाना आत्म-प्रशंसा का स्टंट और राज्य की पीड़ित जनता का घोर अपमान है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि प्रधानमंत्री का सिर्फ पांच घंटे रुकना एक असंवेदनशील व्यवहार है। उन्होंने कटाक्ष किया, "देर आए पर दुरुस्त नहीं आए।"
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जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "जब से राज्य में हिंसा शुरू हुई, तब से मणिपुर के लोग पिछले 28 महीनों से भयावह दर्द, संकट और पीड़ा से गुजर रहे हैं। मणिपुर के लोगों ने प्रधानमंत्री के राज्य के दौरे का धैर्यपूर्वक इंतजार किया है। आख़िरकार आज उन्होंने उन्हें बाध्य कर दिया।"
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री पहुंचने से लेकर रवाना होने तक पांच घंटे से भी कम समय के लिए राज्य में थे। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री के पास दुनियाभर में चुनाव प्रचार और यात्रा करने के लिए समय है। लेकिन क्या उनके लिए मणिपुर की कीमत सिर्फ इतनी ही है?" उन्होंने आरोप लगाया कि यह असंवेदनशील व्यवहार है। रमेश ने कटाक्ष करते हुए कहा, "देर आए पर दुरुस्त नहीं आए।"
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कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर लिखा, "प्रधानमंत्री मोदी की आज की मणिपुर यात्रा इस बात का प्रदर्शन है कि एक नेता में सहानुभूति और करुणा की कितनी कमी हो सकती है।" उन्होंने दावा किया कि न तो उनकी सरकार ने "गृह युद्ध" का कारण बनी गहरी सामाजिक दरार को दूर करने के लिए कोई समाधान प्रस्तुत किया है, न ही उनके पास युद्धरत समूहों को एक साथ लाने और शांति के लिए वास्तविक प्रयास करने का साहस है।वेणुगोपाल ने कहा, "इसके बजाय, वह इसे किसी भी अन्य "प्रचार कार्यक्रम" की तरह मान रहे हैं। इस तरह का असंवेदनशील और ‘आत्म-प्रशंसा करने वाला स्टंट’ मणिपुर के लोगों का मजाक उड़ाने के अलावा और कुछ नहीं है।"
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इससे पहले पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री पर संवैधानिक उत्तरदायित्व का परित्याग करने का भी आरोप लगाया और तंज कसते हुए सवाल किया कि "आपका राजधर्म कहां है?" खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हिंसा के 864 दिन हो गए, 300 लोगों की जान गईं, 67,000 लोग विस्थापित हुए और 1,500 से अधिक लोग घायल हुए।’’
उन्होंने कहा, "आपने (प्रधानमंत्री) तब से 46 विदेश यात्राएं कीं, लेकिन अपने ही नागरिकों के साथ सहानुभूति के दो शब्द साझा करने के लिए एक भी यात्रा नहीं की। आपकी मणिपुर की आखिरी यात्रा जनवरी, 2022 में हुई थी और वह भी चुनाव के लिए थी।" उन्होंने दावा किया, आपके "डबल इंजन" ने मणिपुर की निर्दोष जिंदगियों पर बुलडोज़र चला दिया है। आपकी और गृह मंत्री अमित शाह की घोर अक्षमता और सभी समुदायों को धोखा देने में संलिप्तता को राष्ट्रपति शासन लगाकर छानबीन के दायरे से बचा लिया गया।"
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कांग्रेस अध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बाद हिंसा अब भी जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह न भूलें, वह आपकी ही सरकार है जो राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा गश्त के लिए जिम्मेदार है। चुपचाप यात्रा करना पश्चाताप नहीं है। यह अपराधबोध भी नहीं है।" खड़गे ने कहा, "आप अपने लिए एक भव्य स्वागत समारोह का आयोजन कर रहे हैं। यह उन लोगों के घावों को कुदेरना है जो अभी भी आपके बुनियादी संवैधानिक उत्तरदायित्वों के परित्याग के कारण पीड़ित हैं।" उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "आपके ही शब्दों में... कहां है आपका राजधर्म?"
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा किया। उन्होंने मणिपुर के चूड़ाचांदपुर जिले में 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखी और इंफाल में हिंसा के कारण विस्थापित कुछ लोगों से मुलाकात की। वर्ष 2023 में राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद मोदी का यह पहला मणिपुर दौरा था।
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