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पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को अब बताया वैकल्पिक, लोकसभा में आत्ममुग्ध भाषण पर कांग्रेस ने किया वॉकआउट

पीएम मोदी ने आज लोकसभा में एक बार फिर कृषि कानूनों की जमकर वकालत करते हुए कहा कि नए कानून वैकल्पिक हैं, अनिवार्य नहीं। उन्होंने फिर ‘आंदोलनजीवियों’ पर हमला करते हुए कहा कि किसानों को सरकार के साथ चर्चा करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने इसका तरीका नहीं बताया।

फोटोः @BJP4India
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने विवादित कृषि कानूनों की जमकर वाकलत करते हुए आंदोलनकारी किसानों और विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने लोकसभा में कृषि कानूनों को वैकल्पिक बताते हुए इन्हें किसानों के हित में बताया। पीएम पर आत्मालाप और सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और टीएमसी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

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राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उठाए गए मुद्दों का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में तीन नए कृषि कानून लाए गए, जो देश में कृषि सुधार के लिए बेहद जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में 18वीं सदी की सोच से किसानों का भला नहीं हो सकता है। बरसों से हमारा कृषि क्षेत्र चुनौतियां महसूस कर रहा है, जिनसे उसे बाहर लाने के लिए निरंतर प्रयास करना ही होगा और हमने इसी दिशा में एक ईमानदार प्रयास किया है। कृषि सुधार का ये सिलसिला बहुत ही आवश्यक और महत्वपूर्ण है।

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लोकसभा में अपने भाषण में बड़ा बयान देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नए कृषि कानून वैकल्पिक हैं, अनिवार्य नहीं हैं। उन्होंने एक बार फिर किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि किसानों को सरकार के साथ अपने मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए। हालांकि, यही बात उन्होंने राज्यसभा में भी कही थी, लेकिन वार्ता करने की मांग कर रहे आंदोलनरत किसानों को अभी तक सरकार की ओर से बातचीत के लिए कोई बुलावा नहीं आया है।

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मुद्दे के समाधान देने से ज्यादा हमलावर पीएम मोदी ने एक बार फिर आंदोलजीवी शब्द का इस्तेमाल करते हुए किसान आंदोलन पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं किसान आंदोलन को पवित्र मानता हूं लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करते हैं तो आंदोलन की पवित्रता नष्ट करते हैं। ये आंदोलनजीवी देश को गुमराह कर रहे हैं। देश को ऐसे आंदोलनजीवीयों की पहचान करना जरूरी है और आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों के बीच फर्क करना बहुत जरूरी है।

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इसके बाद पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस के साथियों ने इस कानून के रंग पर तो बहुत चर्चा की, लेकिन अच्छा होता कि इसके कंटेट और इंटेट पर भी चर्चा करते ताकि देश के किसानों तक सही बात पहुंचती। विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि संसद में ये हंगामा, रुकावटें डालने की कोशिश एक सोची-समझी रणनीति के तहत है, ताकि जो झूठ और अफवाह फैलाई गई है, उसका पर्दाफाश नहीं होने दिया जाए।

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पीएम मोदी के इस आत्मालाप रूपी भाषण के दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने कई बार आपत्ति जताई। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने गलतबयानी का आरोप लगाते हुए कई बार पीएम को टोका। इसके बावजूद पीएम के मुद्दे के बजाय विपक्ष और किसान आंदोलन पर हमला जारी रखने पर अंततः कांग्रेस और टीएमसी सांसदों ने पीएम के भाषण का बहिष्कार करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि पीएम मोदी हमारे सवालों के जवाब नहीं दे रहे थे इसलिए हमलोग वाक ऑउट कर गए।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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