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श्रीलंका के संसदीय चुनाव में पीएम राजपक्षे को मिला बहुमत, अब संविधान में बदलाव का रास्ता हुआ साफ

श्रीलंका के प्रभावशाली राजपक्षे परिवार की श्रीलंका पीपल्स पार्टी ने संसदीय चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल की है। इस चुनाव नतीजे के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के लिए देश के संविधान में बदलाव करने का रास्ता साफ हो गया है, जिसकी लंबे समय से तैयारी है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

श्रीलंका के संसदीय चुनाव में प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की अगुवाई वाली सत्तारूढ़ पार्टी श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) और उसके सहयोगियों ने दो तिहाई बहुमत से जीत हासिल की है। पांच अगस्त को हुए 225 सदस्यीय संसद के चुनाव में एसएलपीपी और उसके सहयोगियों ने 150 सीटों पर जीत दर्ज की है।

वहीं, राष्ट्रपति पद के पूर्व उम्मीदवार साजित प्रेमदासा की अगुवाई में समागी जन बलवेग्या या यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट ने 54 सीटें जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं तमिल राजनीतिक पार्टी आईटीएके को 10 सीटों पर जीत मिली है। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की अगुवाई वाली श्रीलंका की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली है।

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कोरोना महामारी के बीच श्रीलंका में बुधवार को आम चुनाव हुए थे। इससे पहले दो बार महामारी के कारण चुनाव टाल दिए गए थे। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने चुनाव से पहले ही दो तिहाई बहुमत से जीत का भरोसा जताया था। वे बतौर राष्ट्रपति अपनी शक्तियों को बढ़ाना चाहते हैं, ताकि वे संविधान में बदलाव कर पाएं। उनका कहना है कि संविधान में बदलाव कर वे छोटे से देश को आर्थिक और सैन्य रूप से सुरक्षित कर पाएंगे।

इन नतीजों के बाद पूरी संभावना है कि गोटबाया अपने बड़े भाई और पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को दोबारा प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठाएंगे। दोनों भाइयों को 2009 में एलटीटीई को देश से खत्म करने के लिए जाना जाता है। चरमपंथी संगठन एलटीटीई अल्पसंख्यक तमिलों के लिए अलग राज्य के लिए लड़ाई लड़ रहा था। 2009 में जब गृहयुद्ध खत्म हुआ तो उस वक्त छोटे भाई राष्ट्रपति थे। उन पर यातना और आम नागरिकों की हत्या के आरोप भी लगे थे।

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ऐसे में पार्टी की जीत के बाद तय है कि राजपक्षे देश के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। वह संभवत: इसी सप्ताहांत शपथ लेंगे। उसके बाद नए कैबिनेट की नियुक्ति होगी। राजपक्षे ने पार्टी की जीत के बाद अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मतदाताओं का शुक्रिया अदा किया और उन पर और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर विश्वास जताने के लिए लोगों का आभार जताया।

श्रीलंका में चुनाव नतीजे आने पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिंदा राजपक्षे को फोन कर बधाई दी। बातचीत के बाद मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, "हम द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों को आगे बढ़ाने और अपने विशेष संबंधों को हमेशा नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए मिलकर काम करेंगे।" राजपक्षे ने भी ट्वीट कर बधाई के लिए मोदी का धन्यवाद किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, "श्रीलंका के लोगों के मजबूत समर्थन के साथ, हम दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को और बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहते हैं।"

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पर्यटन पर निर्भर दो करोड़ से अधिक आबादी वाला देश श्रीलंका पिछले साल चर्च और होटल पर हुए आतंकी हमले के बाद से ही अपनी अर्थव्यवस्था को लेकर जूझ रहा है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी। इसके बाद कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लगाया गया, जिससे आर्थिक गतिविधियां ठप सी हो गईं।

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