मध्यप्रदेश में कांग्रेस नेता संगीता शर्मा ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को भोपाव में पीपुल्स मॉल में जाकर तिरंगा और किताब भेंट करने का ऐलान किया था। वो मोहन भागवत को इसे भेंट करने जा भी रही थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। वे पीसीसी से रवाना हुई लेकिन व्यापमं चौराहे पर ही पुलिस ने उन्हें रोका। इसके बाद पुलिस उन्हें वापस पीसीसी ले आई। फिलहाल, कांग्रेस कार्यालय पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इसके अलावा, भोपाल में जहां संघ प्रमुख भागवत ठहरे हैं, वहां भी बड़ी संख्या के पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं।
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कांग्रेस नेताओं को पीसीसी में नजरबंद करने पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधा है।
पुलिस के पीसीसी में पहरा लगाने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि जब पूरा देश आजादी की हीरक जयंती मना रहा है, तब मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को तिरंगा भेंट करने से रोक रही है।
संगीता शर्मा और अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता आज संघ प्रमुख को तिरंगा भेंट कर रहे थे ताकि उनके अंदर भी राष्ट्रवाद की भावना जागृत हो सके। लेकिन इस कदम का स्वागत करने के बजाए सुबह से ही मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय को पुलिस ने घेर लिया।
पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का रास्ता रोक लिया और तिरंगा भेंट नहीं करने दिया। मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि आजाद भारत में क्या भाजपा की सरकार में राष्ट्रध्वज भेंट करना अपराध है?
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वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में बिना किसी सूचना के पुलिस घुस गई। कांग्रेसी मीडिया उपाध्यक्ष संगीता शर्मा आज आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रध्वज तिरंगा भेंट करने जा रही हैं। तिरंगा भेंट करने से पहले ही संगीता शर्मा के कक्ष में पहुंच गई पुलिस। मीडिया अध्यक्ष केके मिश्रा के कमरे में भी पुलिस तैनात। पीसीसी के बाहर भी पुलिस तैनात। आजादी के अमृत महोत्सव में तिरंगा भेंट करना भी हो गया गुनाह।
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संगीता शर्मा ने बताया कि मेरे कक्ष में पुलिस की तैनाती कर दी गई है। कार्यालय के बाहर भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। मुझे अपने कक्ष से निकलने नहीं दिया जा रहा है। मैं मध्य प्रदेश की जनता से पूछना चाहती हूं कि क्या देश की आजादी की हीरक जयंती के अवसर पर संविधान को मानने वाली एक नागरिक को इस तरह से पुलिस के पहरे में रखना संविधान के अनुकूल है। क्या आजाद भारत में देश का राष्ट्र ध्वज तिरंगा किसी को भेंट करना अपराध है।
उन्होंने कहा कि आजाद भारत में स्वतंत्रता दिवस के पहले आम जनता की आजादी पर पुलिस का पहरा बैठाना क्या सच्ची आजादी है। लेकिन मैं डरूंगी नहीं और राष्ट्रध्वज तिरंगा सम्मान पूर्वक भेंट करके ही रहूंगी। मैं आजादी की दूसरी लड़ाई के लिए तैयार हूं।
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आपको बता दें कि, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इन दिनों मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं। इसी के चलते मध्य प्रदेश कांग्रेस की ओर से भागवत को स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में तिरंगा भेंट करने का ऐलान किया। कांग्रेस का 5 सदस्य प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रीय ध्वज के साथ इतिहास की एक किताब लेकर भागवत को भेंट करने जाने की तैयारी कर रहे थे। बताया जा रहा है कि, राष्ट्रीय ध्वज और इतिहास की किताब कांग्रेसियों द्वारा शहर के एक मॉल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भेंट करने वाले थे। हालांकि, ऐलान के सार्वजनिक होने के बाद शिवराज सरकार घबरा गई और पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय के भीतर ही संबंधित प्रतिनिधिमंडल के साथ साथ सभी कांग्रेसियों को घेर लिया।
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