उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और बीजेपी की प्रदेश में कानून-व्यवस्था के बेहतर होने के दावों की पोल मंगलवार को मुजफ्फरनगर में पुलिस पर हुए हमले ने खोल दी है। जानसठ थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े पुलिस पर हुए हुए इस हमले में अपराधियों ने एक कुख्यात गैंगस्टर रोहित 'सांडू' को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग कर एक दारोगा को घायल कर दिया, जो अभी अस्पताल में मौत से जूझ रहा है।
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इस घटना ने न सिर्फ पुलिस के इकबाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि योगी सरकार के दावों की हवा भी निकाल दी है। घटना की गंभीरता का आलम ये है कि जिस समय यह घटना हुई उसी समय मुजफ्फरनगर के नए पुलिस कप्तान के तौर पर अभिषेक यादव चार्ज संभाल रहे थे। गैंगस्टर रोहित 'सांडू' के खिलाफ विभिन्न थानों में 44 मुक़दमे दर्ज हैं। जिनमें से अकेले मंसूरपुर थाने में 16 मामले दर्ज हैं। रोहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपराध जगत का बड़ा नाम है। उसके खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे अत्यंत गंभीर प्रवृत्ति के हैं।
गैंगस्टर रोहित 'सांडू' को एक हत्या के प्रयास के केस में पेशी के लिए मिर्जापुर जेल से मुजफ्फरनगर लाया गया था। पुलिस के अनुसार घटना जानसठ के पास एक होटल पर हुई, जहां पुलिस रोहित को लेकर खाना खाने के लिए बैठी थी। उसे बागपत में हुई मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद मिर्जापुर जेल में शिफ्ट किया गया था।
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प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मंगलवार दोपहर बाद लगभग 3 बजे खाने के दौरान अचानक कार से तीन युवक आए और उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दिया। सभी के पास अत्याधुनिक हथियार थे। अचानक हुई फायरिंग से सहमकर वहां मौजूद ज्यादातर पुलिस वाले अपनी जान बचाने के लिए यहां-वहां छिपने की कोशिश करने लगे, लेकिन दारोगा दुर्ग विजय सिंह ने डटकर अपराधियों का मुकाबला किया, जिसमें उन्हें गोली लग गई।
इसके बाद सभी अपराधी रोहित उर्फ सांडू को अपने साथ लेकर चले गए। घटना के बाद घटनास्थल पर हड़कंप मच गया और तमाम बड़े अधिकारी आनन-फानन में मौके पर पहुंच गए। जनपद की तमाम सीमाएं सील कर दी गईं, लेकिन अपराधी बचकर निकल भागने में कामयाब रहे। हालांकि, नए पुलिस कप्तान अभिषेक यादव के मुताबिक रोहित बच कर नहीं जा पाएगा।
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इस घटना के बाद पश्चिमी यूपी में गैंगवार की संभावना बढ़ गई है। रोहित ‘सांडू’ की पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक बड़े अपराधी सुशील मूंछ से अदावत जगजाहिर है। रोहित मंसूरपुर में सुशील मूंछ के करीबी यशपाल राठी की हत्या कर चुका है। आपराधिक मामलों के जानकारों के मुताबिक सुशील मूंछ इस समय जेल में है और ऐसे में रोहित पश्चिम उत्तर प्रदेश के अपराध जगत पर राज करना चाहता है।
रोहित के खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके फरार होने की खबर के साथ ही मंसूरपुर के इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने सोशल मीडिया पर उसका फोटो शेयर करते हुए लिखा कि "हमारे थाना क्षेत्र के बदमाश को उसके साथियों ने छुड़ा लिया है, आप सभी लोगों को सूचित किया जाता है कि अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें। खासकर वे लोग जिनकी उससे दुश्मनी हो।”रोहित के इतना बड़ा अपराधी होने के बावूजद मिर्जापुर पुलिस द्वारा पेशी के लिए सिर्फ चार पुलिसकर्मियों से साथ उसको भेजना भी सवाल खड़े करता है।
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सूत्रों के अनुसार रोहित सांडू पिछले कुछ समय से पूर्वांचल के कुछ माफिया डॉन के संपर्क में है। पूर्वांचल के कुछ माफिया डॉन पश्चिमी यूपी में अपना वर्चस्व कायम करने की जद्दोजहद कर रहे हैं। रोहित एक चर्चित शार्पशूटर भी है। उसके फरार होने में मिर्जापुर और फैजाबाद कनैक्शन की चर्चा है। हालांकि, कहा जा रहा है कि उसकी फरारी में मदद करने वाले अपराधी स्थानीय हैं, क्योंकि उन्हें वहां के हर एक रास्ते की जानकारी थी।
खास बात यह है पिछले एक माह में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जोन में 29 मुठभेड़ हुई है, जिनमें चार बदमाशों की मौत हो गई। पुलिस इन मुठभेड़ों को अपनी उपलब्धि के तौर पर गिनती है और 'क्राइम फ्री स्टेट' का दावा देती है। लेकिन ये दावे सिर्फ फाइलों में ही सच नजर आते हैं।
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मुजफ्फरनगर के अधिवक्ता देवेंद्र सिंह के मुताबिक बड़े बदमाशों के साथ पुलिस मुठभेड़ नहीं हो रही है। वे योजना के तहत जेल में हैं या कहीं और सुरक्षित जगह पर है। इलाके के ज्यादातर बड़े अपराधी जेल से ही अपना अपराध तंत्र चला रहे हैं। इसलिए रंगदारी जैसा अपराध अभी फल-फूल रहा है।
वेस्ट यूपी में किसी बड़े गैंगस्टर की फरारी का यह दूसरा बड़ा मामला है। इससे पहले अप्रैल में मेरठ जिले के कुख्यात बदन सिंह बद्दो को अपराधियों ने पुलिस हिरासत से भगा लिया था। बद्दो भी यहां एक होटल में खाना खाने के लिए रुका था, जहां शराब में नींद की गोलियां देकर पुलिसकर्मियों को बेहोश कर दिया गया था। बदन सिंह गैंगस्टर रोहित ‘सांडू’ का विरोधी गुट का माना जाता है। बद्दो पर ढाई लाख का इनाम है और उसको अभी तक दोबारा गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
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