कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विषय पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की और कहा कि निर्वाचन आयोग को यह साबित करना होगा कि वह भारतीय जनता पार्टी की छाया में काम नहीं कर रहा है। उन्होंने यह दावा भी किया कि बीजेपी एसआईआर का इस्तेमाल हथियार के रूप में करने की कोशिश कर रही है और यदि आयोग इसकी उपेक्षा करता है तो उसकी भी संलिप्तता मानी जाएगी।
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खड़गे ने उन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रभारियों, राज्य इकाई प्रमुखों, कांग्रेस विधायक दल के नेताओं और सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की, जहां मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद जारी है। पार्टी मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ में हुई इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे।
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बैठक में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) प्रभारियों, प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुखों के साथ साथ कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता तथा सचिव भी शामिल हुए। यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब कांग्रेस ने कथित वोट चोरी के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है।
बैठक के बाद खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हमने उन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के एआईसीसी महासचिवों, एआईसीसी प्रभारियों, पीसीसी, सीएलपी और एआईसीसी सचिवों के साथ एक व्यापक रणनीतिक समीक्षा की, जहां विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया जारी है। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी मतदाता सूची की शुचिता की रक्षा के लिए स्पष्ट रूप से प्रतिबद्ध है।
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ऐसे समय में जब लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का विश्वास पहले से ही कम हो रहा है, एसआईआर प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन आयोग का आचरण बेहद निराशाजनक रहा है। आयोग को साबित करना होगा कि वह बीजेपी की छाया में काम नहीं कर रहा है और उसे अपनी संवैधानिक शपथ और भारत के लोगों के प्रति निष्ठा याद है, किसी सत्तारूढ़ दल के प्रति नहीं।
खड़गे ने कहा, हमारा दृढ़ विश्वास है कि बीजेपी वोट चोरी के लिए एसआईआर प्रक्रिया को हथियार बनाने का प्रयास कर रही है। यदि निर्वाचन आयोग इसे नजरअंदाज करता है, तो वह विफलता सिर्फ प्रशासनिक नहीं है, यह संलिप्तता है।
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उन्होंने कहा, इसलिए हमारे कार्यकर्ता, बीएलओ और जिला/शहर/ब्लॉक अध्यक्ष लगातार सतर्क रहेंगे। हम वास्तविक मतदाताओं को हटाने या फर्जी मतदाताओं को शामिल करने के हर प्रयास का पर्दाफाश करेंगे, चाहे वह कितना भी सूक्ष्म क्यों न हो। खड़गे ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस पार्टी संस्थानों के पक्षपातपूर्ण दुरुपयोग से लोकतांत्रिक सुरक्षा उपायों को नष्ट नहीं होने देगी।
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निर्वाचन आयोग ने सोमवार को बताया था कि नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 51 करोड़ मतदाताओं में से 50 करोड़ से ज़्यादा मतदाताओं को मतदाता सूची की चल रही एसआईआर प्रकिया के तहत गणना प्रपत्र प्राप्त हो चुके हैं। अपने दैनिक एसआईआर बुलेटिन में आयोग ने कहा था कि 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 50.11 करोड़ गणना प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं। दूसरे शब्दों में, 50.99 करोड़ मतदाताओं में से 98.32 प्रतिशत को आंशिक रूप से भरे हुए प्रपत्र प्राप्त हुए हैं।
जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईआर की कवायद जारी है, वह छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप हैं। इनमें तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। असम में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। आयोग ने पूर्वोत्तर के इस राज्य के लिए ‘‘विशेष पुनरीक्षण’’ की घोषणा की है।
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