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हाथरस रेप-हत्या मामले की पीड़िता के परिवार से मिले राहुल गांधी, मुलाकात के दौरान पीड़ित परिवार ने सुनाई व्यथा

राहुल गांधी ने गांव में पीड़िता के घर पर परिवार से करीब 35 मिनट तक बातचीत की। इसके बाद वे गांव में अपने दौरे के लिए एकत्र हुए पत्रकारों से बात किए बिना ही चले गए।

फोटो: pti
फोटो: pti -

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी हाथरस सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए बृहस्पतिवार सुबह हाथरस पहुंचे। युवती से 14 सितंबर, 2020 को कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। उसे इलाज के लिए अलीगढ़ और बाद में दिल्ली ले जाया गया, जहां 29 सितंबर, 2020 को उसकी मौत हो गई।

कांग्रेस सांसद पूर्वाह्न करीब 11.15 बजे बूल गढ़ी गांव पहुंचे। पुलिस ने उनके अपेक्षित दौरे के मद्देनजर जिले के चंदपा इलाके में स्थित गांव और उसके आसपास पुलिसकर्मियों की तैनाती बढ़ा दी थी।

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राहुल गांधी ने गांव में पीड़िता के घर पर परिवार से करीब 35 मिनट तक बातचीत की। इसके बाद वे गांव में अपने दौरे के लिए एकत्र हुए पत्रकारों से बात किए बिना ही चले गए।

राहुल गांधी के दौरे के बाद कांग्रेस की हाथरस इकाई के पूर्व अध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने संवाददाताओं से कहा, "राहुल गांधी का इस परिवार से रिश्ता है। वह इस परिवार के साथ खड़े थे और आगे भी खड़े रहेंगे। आज वह उनकी समस्याएं सुनने आए हैं। वह लगातार उनकी समस्याओं के लिए लड़ रहे हैं।" मुलाकात के दौरान पीड़ित परिवार ने राहुल गांधी को एक पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने अपनी व्यथा बताई है।

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पिछले महीने कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष ने पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए हिंसा प्रभावित संभल जिले में जाने की कोशिश की थी, उन्हें रोक दिया गया था। स्थानीय अधिकारियों ने क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए 10 दिसंबर तक जनप्रतिनिधियों सहित बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी।

इससे पहले कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख अजय राय ने लखनऊ में इस बात की पुष्टि की थी कि राहुल गांधी हाथरस के बूल गढ़ी में पीड़ित परिवार से मिलने जाएंगे।

हाथरस में, स्थानीय कांग्रेस नेता चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने कहा, ‘‘राहुल जी और प्रियंका जी ऐसे नेता हैं जो देश भर में पीड़ित लोगों के संपर्क में रहे हैं। राहुल जी इस परिवार के संपर्क में भी रहे हैं।’’

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गौरतलब है कि युवती से 14 सितंबर, 2020 को कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। उसे इलाज के लिए अलीगढ़ और बाद में दिल्ली ले जाया गया, जहां 29 सितंबर, 2020 को उसकी मौत हो गई। 30 अक्टूबर की सुबह उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उसके परिवार ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया था।

हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि दाह संस्कार ‘‘परिवार की इच्छा के अनुसार’’ किया गया था। इस संबंध में शुरुआती पुलिस जांच के बाद सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी और चारों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

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