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राहुल गांधी ने बंगाल शिक्षक बर्खास्तगी मामले पर राष्ट्रपति को लिखा पत्र, महामहिम से हस्तक्षेप करने की अपील की

राहुल गांधी ने अपने पत्र में राष्ट्रपति से इस मामले में राज्य सरकार पर दबाव डालने की अपील की ताकि प्रभावित शिक्षकों को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि जिन उम्मीदवारों का चयन पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से हुआ था, उन्हें फैसले का खामियाजा नहीं भुगतना चाहिए।

राहुल गांधी ने बंगाल शिक्षक बर्खास्तगी मामले पर राष्ट्रपति को लिखा पत्र, महामहिम से हस्तक्षेप करने की अपील की
राहुल गांधी ने बंगाल शिक्षक बर्खास्तगी मामले पर राष्ट्रपति को लिखा पत्र, महामहिम से हस्तक्षेप करने की अपील की फोटोः सोशल मीडिया

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में शिक्षकों की नियुक्ति रद्द किए जाने के अदालत के हालिया फैसले पर चिंता जताई है। उन्होंने यह मामला राष्ट्रपति के संज्ञान में लाते हुए उनसे हस्तक्षेप करने की अपील की है। राहुल गांधी ने अपने पत्र में राष्ट्रपति मुर्मू से इस मामले में राज्य सरकार पर दबाव डालने की अपील की ताकि प्रभावित शिक्षकों को न्याय मिल सके।

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राहुल गांधी ने एक्स पर इस संबंध में एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, "मैंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में हजारों योग्य स्कूल शिक्षकों के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है, जिन्होंने न्यायपालिका द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के बाद अपनी नौकरी गंवा दी है। मैंने उनसे अनुरोध किया है कि वह सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करें कि निष्पक्ष तरीके से चुने गए उम्मीदवारों की नौकरी बरकरार रहे।"

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उन्होंने प्रभावित शिक्षकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए और इस मुद्दे को राजनीतिक स्तर पर उठाने का संकेत दिया। राहुल गांधी ने अपने पत्र में राष्ट्रपति मुर्मू से इस मामले में राज्य सरकार पर दबाव डालने की अपील की ताकि प्रभावित शिक्षकों को न्याय मिल सके। उनका कहना है कि जिन उम्मीदवारों का चयन पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से हुआ था, उन्हें इस फैसले का खामियाजा नहीं भुगतना चाहिए।

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पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला पिछले कुछ समय से चर्चा में रहा है। राज्य में स्कूल सेवा आयोग के जरिए हुई शिक्षक भर्तियों में कथित अनियमितताओं की शिकायतें सामने आने के बाद कोलकाता उच्च न्यायालय ने इस प्रक्रिया को अवैध घोषित कर दिया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी। अदालत के इस फैसले के बाद करीब 25,000 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द हो गई, जिससे राज्य में व्यापक असंतोष और प्रदर्शन देखने को मिले।

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राज्य में यह मुद्दा अब राजनीतिक रंग ले चुका है, जहां विपक्षी दल खासकर बीजेपी इसे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "मैं पश्चिम बंगाल में नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के साथ खड़ी हूं, उनका सम्मान वापस दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करूंगी। जब तक मैं जिंदा हूं, किसी को भी आपकी नौकरियां नहीं छीनने दूंगी।"

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