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राहुल गांधी का पीएम मोदी पर निशाना, कहा- भारतीय संघर्ष कर रहे और प्रधानमंत्री उनका ध्यान भटकाने में हैं व्यस्त

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को ध्यान भटकाने की कला में महारत हासिल है, लेकिन इससे सर्वकालिक उच्च बेरोजगारी दर, 30 साल के उच्च थोक सूचकांक और एलआईसी से जुड़ी ‘अवमूल्यन’ विपदाओं पर पर्दा नहीं डाला जा सकता है।

फोटो: सोशल मीडिला
फोटो: सोशल मीडिला 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के ज्वलंत मुद्दों को लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशान साधा है। उन्होंने कहा कि जब भारतीय संघर्ष कर रहे हैं, तब पीएम मोदी ध्यान भटाने की अगली योजना बनाने में जुटे हुए हैं।

Published: 26 Jun 2022, 12:02 PM IST

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को ध्यान भटकाने की कला में महारत हासिल है, लेकिन इससे सर्वकालिक उच्च बेरोजगारी दर, 30 साल के उच्च थोक सूचकांक और एलआईसी से जुड़ी ‘अवमूल्यन’ विपदाओं पर पर्दा नहीं डाला जा सकता है।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “प्रधानमंत्री को ध्यान भटकाने की कला’ में हासिल महारात इन विपदाओं को छिपा नहीं सकता, डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 78 पर, एलआईसी का 17 अरब डॉलर का अवमुल्यन, डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति 30 वर्ष के उच्चतम स्तर पर, बेरोजगारी दर सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर, डीएचएलएफ द्वारा अब तक की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी।”

Published: 26 Jun 2022, 12:02 PM IST

इससे पहले कांग्रेस ने शनिवार को कहा था कि भारत के आज तक के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले के तार बीजेपी से जुड़े हैं। कांग्रेस ने कहा कि जिस डीएचएफएल नाम की कंपनी ने 17 बैंकों को कंसोर्शियम को 34,000 करोड़ का चूना लगाया है उसका बीजेपी के साथ गहरा संबंध है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में पूरे मामले को सामने रखते हुए बताया कि किस तरह डीएचएफएल अलग-अलग वर्षों में बीजेपी को करोड़ों का चंदा देती रही। सुप्रिया श्रीनेत ने पूरे मामले की समयरेखा सामने रखी। उन्होंने बताया कि, 2010 से 2018 के बीच यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में 17 बैंकों को कंसोर्शियम ने डीएचएफएल को करीब 42,000 करोड़ का कर्ज दिया। डीएचएफएल एक नॉन बैंकिंग कंपनी है जो बड़े बैंकों से कर्ज लेकर ग्राहकों को छोटे-छोटे लोन देती थी। लेकिन इस कंपनी ने धीरे-धीरें बैंकों को कर्ज लौटाना बंद कर दिया।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जब डिफॉल्ट शुरू हुआ तो बैंकिंग कंसोर्शियम ने स्पेशल ऑडिट कराया। इसमें 2015 से 2019 के बीच के लेनदेन की जांच की गई तो सामने आया कि डीएचएफएल ने बड़े तौर पर धोखाधड़ी की थी। कंपनी ने अपने खातों में गड़बड़ी की, राउंड ट्रिपिंग ऑफ फंड की और पैसे का इस्तेमाल डीएचएफएल के प्रोमोटर कपिल और दिनेश वधावन ने निजी संपत्ति बनाई।

Published: 26 Jun 2022, 12:02 PM IST

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Published: 26 Jun 2022, 12:02 PM IST